केदारनाथ : तो क्या प्रधानमंत्री को भी पंडा पुरोहित रोकेंगे!
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तलब की रिपोर्ट,घटना से खुली इंटेलिजेंस की असफलता की पोल
कृति सिंह
नयी दिल्ली। केदारनाथ में दर्शन करने गये पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पंडा पुरोहित समाज के कुछ लोग ,जिनकी संख्या उंगलियों पर गिनी जा सकती है के द्वारा रोका गया। यह घटना न केवल अद्भुत है बल्कि आजाद भारत के लिए काफी शर्मनाक है।
आजादी के बाद किसी वरिष्ठ नेता के साथ इस तरह यह घिनौनी हरकत पहली बार देखने को मिली है। इस घटना से दो दृश्य उभरकर सामने आएं हैं।
एक तो यह है कि अब संभवतः केदारनाथ की सुरक्षा व्यवस्था तगड़ी हो जाएगी। क्यों कि आगामी 5 नवंबर को केदारनाथ में दर्शन के लिए प्रधानमंत्री का भी कार्यक्रम है।
दूसरी महत्वपूर्ण बात यह भी सामने आई है कि केदारनाथ में सरकार की इंटेलिजेंस पूरी तरह से फेल रही। पूर्व मुख्यमंत्री का पूरा प्रोग्राम वहां भेजा गया था।
उसके बावजूद खुफिया एजेंसी को इस बात की भनक नहीं लग पाना कि पंडा पुरोहित समाज के कुछ लोग पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को दर्शन करने से रोकेंगे। वाकई यह खुफिया एजेंसी, के अलावा जिला प्रशासन की असफलता है।
इससे उत्तराखंड सरकार की असफलता भी प्रत्यक्ष रूप से दिखाई पड़ रही है। अचरज की बात यह है कि प्रधानमंत्री के आगमन के मद्देनजर केदारनाथ की तैयारियों को लेकर उत्तराखंड सरकार के आलाधिकारी पिछले एक सप्ताह में दो बार बैठकें भी कर चुके हैं।
उसके बाद भी इस तरह के हालात से यह बात साबित हो गई है सरकार विधि व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं है। इस घटना की गूंज पीएमओ तक सुनाई इसलिए पड़ी है क्योंकि प्रधानमंत्री का वहां दौरा है। प्रधानमंत्री के आगमन को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना की रिपोर्ट भी तलब कर लिया है।