नयी दिल्ली। आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) के 260 कर्मियों को पूर्वी लद्दाख में विभिन्न विशेष अभियानों में साहस और कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए राष्ट्रीय एकता दिवस पर केंद्रीय गृहमंत्री के विशेष अभियान पदक से सम्मानित किया गया।
बल के जवानों ने बर्फीली ऊंचाइयों पर आपरेशन ‘स्रो लेपर्ड’ के माध्यम से चरम स्थितियों में लद्दाख में सीमाओं की रक्षा की। बल ने सभी सहयोगी संगठनों के बीच पूर्ण तालमेल और सहयोग के साथ उच्च स्तर की रणनीतिक योजना और जमीनी संचालन के कुशल निष्पादन को अंजाम दिया।
पदक पाने वालों में तत्कालीन आईजी, नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर दीपम सेठ का नाम भी शामिल है, जो चीन के साथ गतिरोध दूर करने के लिए हुई सैन्य कमांडरों की पहले दस दौर की वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य थे।
व्यापक वार्ता के परिणामस्वरूप गत फरवरी में अग्रिम मोर्चे से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई ।
आईटीबीपी के विशेष आपरेशन में एक वर्ष में रणनीतिक योजना और कुशल जमीनी संचालन के साथ विभिन्न योजनाओं को अंजाम दिया गया।
इसके अलावा सैनिकों के लिए अग्रिम मोर्चों पर रसद की समय पर और पर्याप्त आपूर्ति भी की गई।
स्वतंत्रता दिवस पर पूर्वी लद्दाख में अदम्य साहस के लिए आईटीबीपी के 20 कर्मियों को वीरता के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था। भारत-चीन युद्ध के दौरान 1962 में स्थापित आईटीपीपी देश की 3,488 किलोमीटर हिमालयी सीमाओं की रक्षा करती है।
यह केंद्रीय अर्ध सैनिक बल अपने पर्वतारोहण कौशल और कठिन सीमाओं में उच्च ऊंचाई पर तैनाती के लिए जाना जाता है और इसकी सीमा चौकियां 18,800 फीट तक स्थित हैं। यह आईटीबीपी या किसी अन्य संगठन को मिले केंद्रीय गृहमंत्री के विशेष आपरेशन पदकों की सबसे अधिक संख्या है।
2019 में, उत्तराखंड में नंदा देवी पूर्व से एक पर्वतारोही की टीम की खोज और बचाव के लिए अपने पर्वतारोहियों द्वारा किए गए आपरेशन ‘डेयरडेविल्स’ के लिए बल को 16 केंद्रीय गृह मंत्री के विशेष आपरेशन पदक से सम्मानित किया गया था।