नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद को अवमानना नोटिस जारी किया है। यह मामला हरिद्वार के गुरूकुल महासभा से जुड़ा हुआ है।
कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद गुरूकुल महासभा की प्रबंधन समिति में मंत्री के पद पर तैनात थे। वर्ष 2018 में उन्हें समिति के मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया और उनकी सदस्यता भी रद्द कर दी गयी।
उन्होंने प्रबंध समिति के इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। इसके बाद उन्होंने इस प्रकरण में विशेष अपील दायर की लेकिन वर्ष 2019 में वह इस लड़ाई को हार गये।
आरोप है कि कैबिनेट मंत्री बनने के बाद उन्होंने सत्ता की हनक के चलते प्रबंधन समिति में अपना मंत्री पद बहाल करा लिया।
यह भी आरोप है कि हरिद्वार के डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय ने इसमें उनका साथ दिया।प्रबंधन समिति इसके खिलाफ उच्च न्यायालय पहुंच गयी और 20 सितम्बर 2021 को उच्च न्यायालय की एकलपीठ ने उनके मंत्री पद पर बहाली के आदेश पर स्थगनादेश जारी कर दिया।
यह भी आरोप है कि इसके बावजूद वे समिति के मंत्री पद के नाते समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी कर रहे हैं।
ज्वालापुर स्थित महाविद्यालय सभा एवं अन्य की ओर से इस मामले में अवमानना याचिका दायर की गयी।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता परीक्षित सैनी ने बताया कि पूरे प्रकरण को सुनने के बाद न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की पीठ ने कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद एवं डिप्टी रजिस्ट्रार नीतू भंडारी को अवमानना नोटिस जारी कर दिया है।