अयोध्या। दीपोत्सव के लिये अयोध्या को खूबसूरत बनाया जा रहा है। इस बार एक से छह नवम्बर तक दीपोत्सव का आयोजन किया जायेगा।
राम की पैड़ी भक्तों के लिये आकर्षण का केन्द्र होगी। 7.50 लाख दीप जलाकर नया विश्व रिकार्ड बनाने की तैयारी की जा रही है।
वनवास के बाद भगवान श्रीराम की अयोध्या लौटने की खुशी में त्रेता जैसी दीवाली मनाने की परम्परा योगी सरकार ने 2017 से शुरू की थी तबसे हर साल यह उत्सव भव्यता से मनाया जा रहा है।
इस बार दीपोत्सव का मुख्य कार्यक्रम तीन नवम्बर को होगा। भगवान श्रीराम की नगरी में एक नवम्बर से छह नवम्बर तक आयोजित होने वाले भव्य दीपोत्सव की तैयारियों के लिये जिला प्रशासन ने अधिकारियों के साथ कई बैठकें आयोजित की।
इस बार दीपोत्सव में 7.50 लाख दीपक जलाये जाने का प्रस्ताव है। दीपोत्सव की व्यवस्था माटी कला बोर्ड के माध्यम से करायी जा रही है। इस कार्य की जिम्मेदारी डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय को सौंपी गयी है।
दीपक जलाने के लिये अवध विश्वविद्यालय के द्वारा अपने विश्वविद्यालय के तथा इंटर कालेज के 12 हजार वालंटियर को लगाया गया है। अयोध्या के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर दीपक जलाये जायेंगे।
दीपोत्सव में मुख्य रूप से पर्यटन, संस्कृति, डॉ. राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय, विकास, उड्डयन, नगर निगम, विकास प्राधिकरण आदि विभागों के लगभग 27 प्रकार के डायट लिये गये हैं और कहा गया है कि सभी विभाग बेहतर समन्वय के साथ दीपोत्सव की तैयारी करें।
सूचना विभाग द्वारा दीपोत्सव के सम्पूर्ण कार्यक्रम का दूरदर्शन एवं अन्य प्रचार साधनों द्वारा सजीव प्रसारण किया जायेगा।
इस बार दीपोत्सव कार्यक्रम छह दिवसीय होगा जो मुख्य कार्यक्रम तीन सितम्बर को रामकथा पार्क एवं राम की पैड़ी पर आयोजित होंगे।
दो व तीन नवम्बर को तीन विदेशी रामलीला दल लंका, नेपाल एवं त्रिनीडाड एंड टुबैगो द्वारा रामायण के विभिन्न प्रसंगों पर अपनी आकर्षक प्रस्तुति करेंगे। भजन संध्या स्थल पर रामलीला का मंचन कराने के निर्देश सांस्कृतिक विभाग को दिये गये हैं।