राकेश प्रजापति
मध्य प्रदेश । कांग्रेस के अब तक 27 विधायक कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। हालांकि कांग्रेस जहां अपने विधायकों पर पकड़ खोती जा रही है। कहते है न की मोहब्बत और जंग में सब जायज है ! जंग राजनैतिक हो तो जुबान हथियार का काम करती है ! मौजूदा दौरा में तो यही देखने को मिल रहा है ! लोकतंत्र का जिस तरह माखौल उड़ाया जा रहा है इससे पहले कभी भी देखने को नही मिला है ! पुर्व में राजनेताओं की जुबान पर लोग भरोसा करते थे परन्तु मौजूदा वक्त में खुद राजनेताओं ने जुवान की लाज चौराहे पर उतार फेंकी है ? और दिगम्बर हो बद्जुवानी पर उतर आ गये है ।
मध्य प्रदेश में आगामी 30 अक्टूबर को उपचुनाव होने हैं। इससे पहले नेताओं का एक दूसरे पर बयान बाजी का सिलसिला तेज हो गया है। इसी बीच भाजपा द्वारा अन्य राजनैतिक पार्टियों के नेताओं से दलबदल भी देखने को मिल रहे हैं। बीते दिनों कांग्रेस के एक विधायक ने बीजेपी का हाथ थाम लिया। इसके साथ ही कांग्रेस के अब तक 27 विधायक कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। हालांकि कांग्रेस जहां अपने विधायकों पर पकड़ खोती जा रही है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक और खुलासा कर कांग्रेस पार्टी के होश उड़ा दिए है ! अब इसमे कितनी सच्चाई है यह तो वह खुद ही बता सकते है ।
दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पार्टीयों में दलबदल पर बयान दे कर खलबली मचा दी है इसका असर चुनावों में देखने को अवस्य मिलने बाला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के चार विधायक अभी भी भाजपा में शामिल होने के लिए तैयार हैं। जितने भी लोग हैं, वह कांग्रेस में नहीं रहना चाहते हैं। अभी हाल ही में खंडवा में जन संबोधन के दौरान कांग्रेस पार्टी के विधायक सचिन बिरला कांग्रेस पार्टी का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए। बीते साल जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। इससे प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिर गई थी। हालांकि इसके बाद भी कांग्रेसी विधायकों का पलायन थमा नहीं और विशेष में कई जमीनी स्तर के दिग्गजों ने पार्टी का दामन छोड़ दिया।
हालांकि कांग्रेस का साथ छोड़ भाजपा में जाने वाले विधायकों की शिकायत यही रही है कि शीर्ष नेतृत्व द्वारा उनकी बात को ना सुना जा रहा है और ना ही उन्हें मिलने का समय दिया जा रहा है। पार्टी से उपेक्षित लगातार पार्टी छोड़ रहे हैं और कांग्रेस की सक्रियता में कमी का हवाला दे रहे हैं।अब ऐसी स्थिति में प्रदेश में कांग्रेस की हालत खस्ताहाल है।
दरअसल 30 अक्टूबर को प्रदेश में होने वाले उपचुनाव और आगामी सालों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी दिग्गजों का पार्टी को छोड़ना पार्टी के शीर्ष नेताओं पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा रहा है।
खैर कांग्रेस द्वारा विधायकों का पार्टी छोड़ दूसरे पार्टी थामने पर कांग्रेस के चुप्पी का कारण जो भी हो, लेकिन अब मुख्यमंत्री शिवराज ने यह कहकर मामला और गरमाया दिया है कि अब तक 27 विधायक के पाला बदलने के बाद कांग्रेस के दो चार विधायक और पार्टी में आने के लिए तैयार हैं।
जिन्हें मुख्यमंत्री शिवराज ने कांग्रेस ने रोक रखा है। अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ऐसे दावे के बाद कांग्रेस की क्या प्रतिक्रिया होती है, यह देखना दिलचस्प होगा। परन्तु चुनावों की ठीक पहले मुख्यमंत्री के इस बयान से चुनावों पर इसका असर जरुर देखनी को मिल सकता है?