प्रयागराज। महंत नरेंद्र गिरी के ब्रह्मलीन होने के बाद रिक्त अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के पद पर रवींद्र पुरी महाराज को सोमवार को चुन लिया गया।
नियमानुसार जिस अखाड़े की तरफ से पद खाली होता है उसी अखाड़े के सदस्य को नियुक्त किया जाता है। अध्यक्ष के पद को लेकर दारागंज निरंजनी अखाड़े में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया ।
रवींद्र पुरी श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े के सचिव थे जो अब अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नियुक्त किये गये। सात अखाड़ों ने मिलकर यह फैसला लिया।
निर्मल अखाड़े के बागी गुट और निर्मोही अनि अखाड़े के सचिव मदन मोहन दास ने पत्र भेजकर अपने सहमति प्रदान की।
अखाड़ा परिषद के संरक्षक महंत हरि गिरि की ओर से 25 सितंबर को प्रयागराज निर्मल अखाड़ा में परिषद की बैठक बुलाई गई थी जिसमें 13 में से सात अखाड़ों ने रवींद्र पुरी के नाम पर सहमति जताई। एक मत न हो पाने के कारण अध्यक्ष पद अभी तक खाली रहा। इसके बाद रवींद्र पुरी को विधिवत अखाड़ा परिषद का नया अध्यक्ष घोषित कर दिया गया।
ब्रह्मलीन हुए महंत नरेंद्र गिरि निरंजनी अखाड़े के ही सचिव थे और बीते हरिद्वार के कुंभ में दूसरी बार उन्हें अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुना गया था। जूना समेत कई अखाड़ों ने इस पद के लिए दावेदारी की थी, लेकिन निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी को अध्यक्ष पद के लिए सही रूप से माना जा रहा था। निर्मोही अखाड़े के राजेंद्र दास को महामंत्री चुना गया है।