नयी दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने ‘यस बैंक’ से 312 करोड़ रुपए की ऋण धोखाधड़ी के आरोप में मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने वाली एक निजी कंपनी के दो निदेशकों तथा एक अन्य डमी कंपनी के मालिक को गिरफ्तार किया है।
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के अतिरिक्त आयुक्त आर. के. सिंह ने रविवार को बताया कि यतीश वहल, सतीश कुमार नरूला और राहुल यादव को डॉ. राजीव कुमार शर्मा की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि पुलिस उपायुक्त (आर्थिक अपराध शाखा) मोहम्मद अली की देखरेख में एसीपी रमेश कुमार नारंग, निरीक्षक नितिन कुमार, उप निरीक्षक परवीन बदसारा, चेतन मांडिया, अश्विनी कुमार, अजय कुमार एवं अमित कुमार, एएसआई धर्मेंद्र, सिपाही बीरपाल और ललित के एक दल ने आरोपियों को गिरफ्तार किया।
उन्होंने बताया कि यतीश और सतीश मेसर्स नायति हेल्थ केयर एंड रिसर्च एनसीआर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं , जबकि राहुल निजी कंपनी ‘आहलूवालिया कंस्ट्रक्शन’ कंपनी का कथित मालिक है। सिंह ने बताया कि मेडिकल सेवा से जुड़ी कंपनी के निदेशक यतीश उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में इंदिरापुरम का निवासी है, जबकि सतीश दिल्ली के अलकनंदा क्षेत्र के गंगोत्री एनक्लेव का रहने वाला है। तीसरा आरोपी राहुल हरियाणा के गुरुग्राम सेक्टर 12 का निवासी है।
उन्होंने बताया कि यतीश और सतीश ने गुड़गांव में एक हॉस्पिटल के विकास के नाम पर उसमें निवेश करने के लिए यस बैंक से 312 करोड़ रुपए ऋण लिया था, लेकिन उसने अधिकांश रुपए का उपयोग कहीं और किया।
जांच में पता चला कि 208 करोड़ रुपए राहुल की कथित आहलूवालिया कंस्ट्रक्शन में ट्रांसफर कर दिया था। यह भी पता चला कि जिस बैंक खाते में इतनी बड़ी राशि ट्रांसफर की गई, उसे कथित तौर पर सिर्फ रुपयों के हेराफेरी के लिए खोला गया था। जांच में पता चला कि आहलूवालिया कंस्ट्रक्शन गुड़गांव की एक जानी-मानी कंपनी है। इसके नाम पर राहुल ने डमी कंपनी बनाई थी।
असली कंपनी को यतीश और सतीश की कंपनी की ओर से अस्पताल विस्तार प्रोजेक्ट के काम के लिए मात्र 10 करोड़ रुपए ही मिले थे। उन्होंने बताया इस बैंक ऋण धोखाधड़ी के आरोप के मामले की जांच की जा रही है।