दस वर्षीय कार्य योजना तैयार करें सहकारी बैंकः डॉ. धनसिंह रावत
सहकारी बैकों को सुविधाएं बढ़ाने एवं एनपीए घटाने के निर्देश
- कैबिनेट में लाया जायेगा विभागीय ढांचा एवं पैक्स नियमावली प्रस्ताव
- एक करोड़ का ऋण रजिस्ट्रार व उससे अधिक शासन करेगा स्वीकृत
देहरादून।राज्य सहकारी एवं जिला सहकारी बैकों को आगामी दस वर्षों के लिए व्यवसायिक कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं।
इसके लिए बैंक के महाप्रबंधकों की तीन सदस्यीय समिति गठित की जायेगी। सहकारी बैंकों को एक करोड़ तक का व्यवसायिक ऋण आवंटन की स्वीकृति निबंधक सहकारिता एवं उससे अधिक धनराशि के ऋणों की स्वीकृति शासन से लेनी होगी।
सहकारी बैंकों भी राष्ट्रीयकृत बैंको की तर्ज पर सुविधाएं बढ़ाने एवं एनपीए घटाने के निर्देश दिये गये।
सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सहकारी बैंको को घाटे से बचाये रखने के लिए आगामी दस वर्षों की व्यवसायिक कार्य योजना तैयार करने निर्देश अधिकारियों को दिये।
उन्होंने कहा कि बैंकों के उच्च स्तरीय अधिकारियों की तीन सदस्यी समिति का बठन कर एक विस्तृत कार्य योजना बनाई जाय। साथ ही उन्होंने एनपीए से बचने के लिए बैंकों द्वारा दिये जाने वाले व्यवसायिक ऋणों में विशेष सावधानी बरतने को कहा।
उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों में एक करोड़ तक के ऋण की स्वीकृत निबंधक सहकारिता एवं उससे अधिक की धनराशि के ऋणों की स्वीकृति शासन द्वारा की जायेगी। सहकारी बैंकों को राष्ट्रीयकृत बैंको के समानांतर लाने के लिए बैंकों में आधुनिक सुविधाएं बढ़ाने तथा एनपीए घटाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। डॉ. रावत ने कहा कि पैक्स सचिवों की नियमावली एवं विभागीय ढांचे का प्रस्ताव आगामी कैबिनेट में लाया जाय। उन्होंने विभाग में प्रोन्नति के रिक्त पदों पर शीघ्र डीपीसी कराने के निर्देश भी दिये।
बैठक में नए बैंक शाखाओं को खोलने, एम-पैक्स कम्प्युटराईजेशन, एटीएम एवं मोबाइल वैन एटीएम, डाटा सेंटर की स्थापना, जैम पोर्टल पर पंजीकरण एवं आईएसओ प्रमाणन के लिए प्रस्ताव भेजने आदि की समीक्षा की गई। इसके अलावा आगामी माह में दीनदयाल उपाध्याय सहकारी किसान कल्याण योजना के अंतर्गत न्याय पंचायत स्तर पर ब्याज मुक्त ऋण वितरण हेतु ऋण मेलों की तैयारी के निर्देश दिये।
बैठक में निबंधक सहारिता आनंद स्वरूप, अपर निबंधक ईरा उप्रेती, आनंद शुक्ला, एमडी यूसीएफ एम.पी. त्रिपाठी, उप निबंधक नीरज बेलवाल, मान सिंह सैनी सहित सभी जनपदों के सहकारी बैंकों के महाप्रबंधक तथा जिला सहायक निबंधक उपस्थित रहे।