8000 किमी. स्पर्श हिमालय अमृत यात्रा में सोमेश का सम्मान

देहरादून। हिमालयीय विश्ववविद्यालय के मिशन ‘‘ स्पर्श हिमालय’’ सोमेश पंवार का देहरादून आगमन पर भव्य स्वागत किया गया।

हिमालय संरक्षण के उद्देश्य को पूरे देश में पहुंचाने के लिए सोमेश पंवार द्वारा बदरीनाथ से रामेश्वरम तक 8000 किमी की साईकिल यात्रा शुरू की गई है।

बीते 1 अक्टूबर से स्पर्श हिमालय अमृत यात्रा का शुभारंभ बदरीनाथ में धर्माधिकारी भुवन उनियाल द्वारा किया गया है।

चमोली जिले के बदरीनाथ स्थित बामणी गाँव पाण्डुकेश्वर के निवासी सोमेश पेशे से ट्रैकिंग से जुड़े हुये है और उन्होंने स्पर्श हिमालय के मिशन से सभी को जोड़ने के उद्देश्य से बदरीनाथ से कन्याकुमारी तक यात्रा करने की थानी है।

सोमेश पंवार भगवान बदरीनाथ के सतोपंथ के अलकनंदा नदी का जल, भगवान बदरीनाथ के अंगवस्त्र तथा भगवान बदरीनाथ का ध्वज लिये भारत के चारों धामों की यात्रा कर रहे हैं।

उनके देहरादून आगमन पर स्पर्श हिमालय कार्यालय में विद्यार्थियों, स्वयं सेवक संघ, पर्यावरणविद एवं हिमालयीय विश्वविद्यालय द्वारा सम्मानित किया गया।

सम्मान समारोह में सोमेश ने कहा कि यह यात्रा उनके लिये बेहद खास है और इसके लिये वह बहुत उत्साहित है।

सम्मान समारोह का संचालन पदमश्री कल्याण सिंह रावत ने किया। इस सम्मान समारोह में हिमालयीय विश विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ राजेष नैथानी ने बताया कि सभी को एक सूत्र में जोड़ने के लिये ज्योतिर्मठ से यह साईकिल यात्रा शुरू की गई है।

हिमालय और सनातन धर्म के मूल्यों की रक्षा करने हेतु संदेश विश्व तक पहुंचाना है। उन्होंने बताया स्पर्श हिमालय पूर्व शिक्षा मंत्री भारत सरकार डॉ रमेश पोखरियाल निशंक की प्रेरणा से शुरू किया गया है।

स्पर्श हिमालय का लक्ष्य हिमालय से जुड़े सभी हितधारकों को एक मंच पर लाने का है। साथ ही हिमालयी राज्यों में स्थानीय, सामाजिक-सांस्कृतिक, आर्थिक व पर्यावरण संबंधी महत्वपूर्ण, विश्वसनीय , आधिकारिक जानकारी को साझा करना और वितरित करना है।

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