70 फीसद लोगों का हृदय से संबंधित रोग का खतरा
देश के 12 शहरों में किए गए अध्ययन से चला पता, हर साल बढ़ रहे मौत के आंकड़े
- शहरी क्षेत्र में 32.8 फीसद और ग्रामीण क्षेत्र में 22.9 फीसद मौतें
देहरादून । देश में कार्डियोवैस्कुलर बीमारी यानी सीवीडी से हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। इस बीमारी से बचाव के लिए स्वस्थ जीवन शैली जरूरी है। यह कहना है कि मैक्स अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञों का। विश्व हृदय दिवस पर मसूरी रोड स्थित अस्पताल में आयोजित पत्रकार वार्ता में चिकित्सकों ने कहा कि हृदय से संबंधित रोगों से बचाव के लिए लोगों को संतुलित खान-पान व स्वस्थ्य जीवनशैली अपनाने के साथ ही तनाव मुक्त रहना चाहिए। बीमारी के प्रारंभिक लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही भी हृदय के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
कार्डियोलॉजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रीति शर्मा ने बताया कि मैक्स अस्पताल द्वारा हाल ही में देश के 12 शहरों में किए गए एक अध्ययन से पता चला है शहरी क्षेत्रों के 70 प्रतिशत से अधिक लोगों को हृदय रोग से संबंधित खतरा है।
जिसके उपचार के लिए उन्हें विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक है। कहा कि विश्व हृदय दिवस मनाने के पीछे उद्देश्य लोगों को हार्ट से संबंधित रोगों के कारण, लक्षण व बचाव के प्रति जागरूक करना है। इस वर्ष इस दिवस का थीम हृदय संबंधी समस्याओं के बारे में जागरूकता फैलाने, बीमारी की रोकथाम व प्रबंधन में सुधार के लिए डिजिटल माध्यम का उपयोग करना है।
वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डा. योगेन्द्र सिंह ने कहा कि हृदय रोग से संबंधित सीवीडी दुनियाभर में होने वाली मौत का प्रमुख कारण है। इसमें कोरोनरी हृदय रोग दिल का दौरा पड़ने का कारण बन सकता है। जबकि सेरेब्रोवास्कुलर स्ट्रोक का कारण बन सकता है। इस समस्या से जूझने वाले लोगों की संख्या देश-प्रदेश में भी लगातार बढ़ती जा रही है।
पिछले कुछ वर्षों में देखा गया कि कम आयु के लोग भी इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। इसका प्रमुख कारण असंतुलित जीवन शैली, धूम्रपान, शराब का सेवन, फास्ट फूड का सेवन व नियमित व्यायाम नहीं करना है। यदि इनमें जल्द सुधार नहीं किया जाता है तो व्यक्ति के जीवन को नुकसान पहुंच सकता है।
डॉ. पुनीत सदाना ने कहा कि शहरी क्षेत्र में 3२.8 फीसद मौते हृदय रोग के कारण होती है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 22.9 फीसद मौत हार्ट से संबंधित बीमारियों से होती है। पुरुषों के साथ महिलाओं में भी यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है। कहा कि हृदय रोग से बचाव के लिए लोगों को बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर, शरीर में ग्लूकोज की अधिक मात्रा, बढ़ा हुआ लिपिड, अधिक वजन आदि को भी नियंत्रित करना चाहिए।
सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रवि कुमार सिंह ने कहा कि दिल से जुड़ी बीमारियां नई नहीं हैं। परंतु पिछले कुछ सालों से जिस तेजी से इस बीमारी के मरीज बढ़ रहे हैं वह चिंता का कारण है। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को हृदय रोग होने का खतरा रहता है। इसलिए व्यक्ति को अपनी जीवनशैली की आदतों में सुधार लाना जरूरी है।