नसबंदी की जमीन पर बन गया आलीशान फ्लैट
सन 1993 में वीरपुर खुर्द में पांच लोगों को मिली थी नसबंदी कराने पर जमीन
- पांच लोगों में से दो लोगों ने जमीन बेची
- नसबंदी की एक जमीन पर एमडीडीए के बिना अनुमति के बन रहे फ्लैट
- शिकायत के बावजूद फ्लैट का निर्माण कार्य जारी
- प्रशासन नहीं कर रहा कार्रवाई
ऋषिकेश। तीर्थनगरी ऋषिकेश में एक व्यक्ति ने नसबंदी कराने के बाद अपनी जमीन लाखों रूपये में किसी और को बेच दी है। इस जमीन पर अब एक आलीशान फ्लैट बनकर तैयार हो गया है।
तीर्थनगरी ऋषिकेश में तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने सन 1993 में वीरपुर खुर्द में नसबंदी कराने वाले इलम, फूलपुरी देवी, सुमित्रा देवी, मारों देवी सहित पांच लोगों करीब 148 गज जमीन उपलब्ध कराई थी।इन पांच लोगों में से दो लोगों ने अपनी नसबंदी की जमीन किसी और को बेच दी है। हालांकि एक जमीन एक ऐसी महिला ने खरीदी है। जिसके पति का निधन हो चुका है। तथा वह काफी गरीब है। लेकिन ईलम सिंह ने डेढ़ साल पहले ही अपनी जमीन लाखों रूपये में तीर्थनगरी के टीआर शर्मा को बेच दी। जिसके बाद टीआर शर्मा ने उक्त जमीन को जसबीन्द्र लाकरा व संदीप खत्री को बेच दी।
जसबीर लाकरा व संदीप खत्री ने नसबंदी करने वाले व्यक्ति ईलम की जमीन में कईमंजिला इमारत खड़ी कर दी है। बताया जा रहा है कि नसबंदी के लिए मिली जमीन पर करोडो रूपये की फ्लैट बनाकर उसे बेचा जा रहा है। इस मामले में स्थानीय पार्षद लब काम्बोज ने उपजिलाधिकारी व एमडीडीए में इसकी शिकायत है। जिसके बाद एमडीडीए ने जसबीर लाकरा व संदीप खत्री बिना नक्शा पास कराये फ्लैट बनाने को लेकर नोटिस जारी किया। लेकिन नोटिस जारी होने के बाद भी फ्लैट का निर्माण हो रहा है।
खास बात यह है कि नसबंदी कराने के लिए बदले मिले जमीन के पट्टों को तीर्थनगरी में नियम कानूनों को ताक पर रखकर बेचा जा रहा है। लेकिन शिकायत करने के बावजूद भी प्रशासन इस मामले में कोई कार्यवाही नही कर रहा है। जिस कारण पट्टों की जमीन पर भू-माफियों ने आलीशान फ्लैट खड़े कर दिए हैं।इस मामले एमडीडीए के जेई अनुज पांडेय का कहना है कि इस मामले में उन्हे अभी कोई जानकारी नहीं है। सुबह कार्यालय में जाकर ही कुछ बता पायेगें। वहीं इस संबंध में जब पट्टा धारक व पट्टे की जमीन खरीदने वालों से उनका पक्ष रखने के लिए फोन पर संपर्क किया गया तो उनका फोन बंद मिला।
जमीन वापस लेकर जरूरतमंदों को दे सरकार
वीरपुर खुर्द में कुछ लोगों को नसबंदी कराने के बदले जमीन के पट्टे मिले थे। वर्तमान में एक पट्टे की जमीन को पट्टा धारक द्वारा किसी ओर को बेच दिया गया है। अब पट्टे की जमीन पर बिना नक्शा पास किये फ्लैट का निर्माण हो गया है। मेरे द्वारा उपजिलाधिकारी व एमडीडीए में इसकी शिकायत भी की गई है। एमडीडीए ने फ्लैट का निर्माण कर रहे जसबीन्द्र लाकरा व संदीप खत्री को नोटिस भी भेजा। लेकिन उसके बावजूद फ्लैट का निर्माण हो गया। जिन लोगों ने पट्टे की जमीन बेच दी है प्रशासन को उन लोगों से जमीन वापस लेकर जरूरतमंद लोगों उक्त जमीन देनी चाहिए।
सन 1993 में वीरपुरखुर्द में पांच लोगों को नसबंदी कराने के लिए करीब 148 गज जमीन मिली थी। मेरी माता जी को भी नसबंद कराने के लिए जमीन आवंटित हुई है। जिस पर वह मकान बनाकर निवास कर रहे हैं।लव कम्बोज, पार्षद नगर निगमपट्टे आवंटित करते समय कुछ नियम कानून होते हैं। जिनके अनुसार ही भूमि को बेचने का अधिकार मिलता है। यह मामला अभी उनके संज्ञान में आया है। मीडिया के माध्यम से ही इसका पता चल रहा है। उक्त भूमि का खसरा नम्बर देखकर जांच करने के बाद ही जमीन का पट्टा बेचने वालों के खिलाफ विधिक कार्यवाही होगी।अमित शर्मा,पट्टाधारक का पुत्र