नयी दिल्ली/ देहरादून। डॉ लक्ष्मी कान्त, निदेशक भाकृअनुप- विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा को गेहूं और जौ अनुसंधान की उन्नति के लिए गठित सोसायटी, करनाल द्वारा वर्ष 2021 के लिए अन्न शोध कार्यकर्ता के रूप में कार्य करने के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार डाॅ. एम.वी. राव मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इस पुरस्कार के तहत उन्हें स्मृति चिन्ह, प्रमाण पत्र और नकद राशि से सम्मानित किया जाएगा।
डाॅ. लक्ष्मीकान्त ने गेहूँ और जौ की क्रमशः 12 और 5 उन्नत रोग प्रतिरोधी किस्मों को विकसित करके कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में महत्तवपूर्ण योगदान दिया है। उल्लेखनीय है कि किसानों के खेतों पर किए गए विभिन्न प्रदर्शनों में इन किस्मों ने उत्तर-पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों की उत्पादकता में 30-40 प्रतिशत की वृद्वि की है। इन किस्मों में द्विउद्देशीय (अनाज और हरा चारा) गेहूँ वीएल गेहूँ 829 और जौ वीएल बी 130, देर से बोई जाने वाली किस्म वीएल गेहूँ 892 और समय पर बोई जाने वाली किस्म वीएल गेहूँ 907 उल्लेखनीय है। डाॅ. लक्ष्मीकान्त का मुख्य शोध बंसतकालीन गेहूँ के सुधार हेतु शीतकालीन गेहूँ के वाछिंत लक्षणों पर अनुक्रमण, पारम्परिक तथा आणविक प्रजनन के माध्यम से सूखा सहिष्णुता के साथ ही आगतो के प्रति अनूकूल प्रतिक्रिया देने वाले गेहूँ के जीनप्ररूप विकसित करना है।
डाॅ. लक्ष्मी कान्त केे 76 से अधिक शोध पत्र विभिन्न प्रतिष्ठित राष्ट्रीय एवं अर्तंराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। वे भाकृअनुप के उत्कृष्ट टीम पुरस्कार एवं महिन्द्रा कृषि समृद्वि इंडिया एग्री पुरस्कार 2012 के पुरस्कार विजेताओं में से एक रहे हैं। इसके अलावा वे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय अकादमी एवं अन्य प्रतिष्ठित सोसाइटी के फैलो के रूप में भी चयनित है। संस्थान के सभी कर्मचारियों ने डाॅ. लक्ष्मी कान्त को उनकी इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।