नयी दिल्ली। सहकारिता मंत्री बनने के बाद पहली बार अमित शाह 25 सितम्बर को राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन को सम्बोधित करेंगे। इस सम्मेलन में राज्य , राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के सहकारिता संगठनों के करीब ढाई हजार प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे तथा दुनिया भर में लगभग आठ करोड़ लोग इसके साक्षी बन सकेंगे ।
इस अवसर पर सहकारिता राज्य मंत्री बी एल वर्मा और अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन के अध्यक्ष एरियल ग्वार्को भी उपस्थित रहेंगे ।
मोदी सरकार ने लम्बे समय तक विचार मंथन के बाद सहकारिता विभाग को कृषि मंत्रालय से पिछले दिनों अलग कर स्वतंत्र मंत्रालय बनाया है और शाह को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है ।
शाह गुजरात में लम्बे समय से सहकारिता आन्दोलन से जुड़े रहे हैं और उन्होंने कई क्षेत्रों को बुलंदियों तक पहुंचाया है । अब इसका लाभ देश को भी देने के प्रयास किये जा रहे हैं ।
माना जा रहा है कि शाह सहकारिता विभाग के माध्यम से कृषि और व्यवसाय को नयी उंचाइयों तक पहुंचायेंगे और इसे गुजरात की तरह सफल बनाने का हर संभव प्रयास करेंगे ।
भारत में उर्वरक , डेयरी , बैंकिंग , आवास विकास और मत्स्य पालन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहकारी संस्थाओं की बड़ी भूमिका है। यह क्षेत्र बड़े पैमाने पर रोजगार और अर्थव्यवस्था में भारी योगदान कर रहा है ।