दलबदल पर अनिल बलूनी के ट्वीट पर हरदा का निशाना
विधानसभा में यूकेडी की वंशावली खत्म करने का लगाया आरोप
देहरादून। कई बार भाजपा सांसद अनिल बलूनी की तारीफ कर चुके पूर्व सीएम हरीश रावत ने आज बलूनी को निशाने पर लिया है। सोशल मीडिया में दोनों के बीच कुछ समय पहले नोकझोंक भी हुई, जो काफी चर्चा में रही। अब हरीश रावत ने चला चली की इस बेला में बलूनी को निशाने पर लेते हुए लिखा है कि उन्होंने राज्य
आंदोलन की पार्टी यूकेडी की विधानसभा में वंशवेल ही खत्म कर दी।
हरीश रावत की यह फेसबुक पोस्ट काफी चर्चा में आ रही है। रावत ने लिखा है कि प्रत्येक चढ$ती हुई उम्र का व्यक्ति एक इच्छा रखता है कि उसके राज्य में कुछ ऐसे नौजवान उभरें जो राज्य को एक स्वच्छ और स्वस्थ लोकतांत्रिक स्वरूप दे सकें।
ऐसे ही एक दिल्ली स्थित नौजवान जब कुछ अच्छी बातें कहते थे तो उन्होंने दलीय सीमा लांघ करके उनकी प्रशंसा की, लेकिन हाल में उन्होंने उनके द्वारा किये गये कुछ कुछ दल-बदल के चित्र और ट्वीट देखे। जिनमें उस नौजवान का चेहरा देखकर उन्हें बहुत धक्का लगा। उन्होंने लिखा है कि ‘लगता है यह नौजवान भाजपा रूपी मां के गर्भ से ही दल-बदल जैसी खुराफातें सीख करके आया है।
उन्होंने कांग्रेस पर अपना गुस्सा निकाल लेने की बात कहते हुए लिखा है कि यूकेडी
पर गुस्सा काहे के लिए निकाल रहे हो। रावत ने एक तरह से यूकेडी मूल के नेता रहे
प्रीतम सिंह पंवार की भाजपा में शामिल कराने पर चिंता जताई है। रावत बलूनी के
लिए लिखते हैं कि उन्होंने उत्तराखंड में यूकेडी का वंश ही समाप्त कर दिया है। वह
राज्य आंदोलन की पार्टी तो थी ही उत्तराखंड में दलीय बहुलता का प्रतीक भी थी।
जिसका विधानसभा के भीतर वंश ही मिटा दिया। हरीश रावत लिखते हैं कि ‘अपनी पार्टी यानी भाजपा में मचे घमासान के बाद भी अभी तक यह नहीं समझ पाए हो, तुम्हारा तृणमूल कार्यकर्ता क्या चाहता है जमीन का भाजपाई क्या चाहता है।
लोकतंत्र एक-दूसरे की भावनाओं का आदर और सम्मान का नाम है। उन्होंने लिखा
है कि उनके इस ट्वीट से कुछ लोग तिलमिलाएंगे।
उन्होंने यह लिखने से खुद को रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन यह सोचा कि हरीश रावत को कुछ भी क्यों न भुगतना पड़े, समय के साथ न्याय करो और समय का यह कालखंड अपेक्षा कर रहा है कि निर्भीकता के साथ गलत को गलत कहो। इसलिये वे इस ट्वीट को राज्य की जनता की सेवा में समर्पित कर रहे हैं।