नयी दिल्ली। चुनाव आयोग से मिल कर भाजपा का प्रतिनिधिमंडल ने एक ज्ञापन सौंपा है जिसमें भवानीपुर में सीएपीएफ की कम से कम 40 कंपनियों की तैनाती की मांग की गई, जहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं और समसेरगंज व जंगीपुर के अन्य दो विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक में कम से कम 25 कंपनियां तैनात करने की मांग की गई है।
सीएपीएफ की 15 कंपनियों की तैनाती की गई
भाजपा के ज्ञापन में कहा गया है, “प्रति विधानसभा क्षेत्र में केवल 15 कंपनियों की सीएपीएफ की तैनाती भेजी गई है, जो पूरी तरह से अपर्याप्त है, खासकर भवानीपुर में जहां अनिर्वाचित मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अस्तित्व के लिए चुनाव लड़ रही हैं। तृणमूल कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत से गुंडों को तैनात कर दिया है।
भाजपा ने दावा किया कि तृणमूल, उसके पदाधिकारी, मंत्री और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी अब ममता के समर्थन में राज्य के संसाधनों का दुरुपयोग करने की तैयारी कर रहे हैं। भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि जिन अधिकारियों को आयोग द्वारा किसी पद पर तीन साल पूरे करने या स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए अयोग्य पाए जाने पर स्थानांतरित कर दिया गया था, उन्हें तृणमूल द्वारा तीन निर्वाचन क्षेत्रों में वापस लाया गया है, यह मांग करते हुए कि वे उन्हें तत्काल कोलकाता जिले से बाहर स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
भाजपा ने मांग की, केएमसी क्षेत्र से सभी सरकारी और नगरपालिका स्थलों से मुख्यमंत्री बनर्जी की तस्वीरों वाले होर्डिग, पोस्टर और बैनर तुरंत हटा दिए जाने चाहिए।भाजपा ने कोविड का हवाला देते हुए चुनाव आयोग से आग्रह किया कि मतदान केंद्रों के अंदर उम्मीदवारों के एजेंटों की उपस्थिति केवल राष्ट्रीय दलों तक ही सीमित होनी चाहिए, जबकि अन्य सभी मतदान एजेंटों को बूथों के बाहर बैठाया जाना चाहिए।