देवस्थानम बोर्ड भंग होने तक केदारनाथ में जारी रहेगा आंदोलन

सीएम के आश्वासन के बाद प्रस्तावित महारैली स्थगित,  धाम में 28वें दिन भी जारी रहा क्रमिक अनशन

रुद्रप्रयाग। देवस्थानम बोर्ड के विरोध में बीते दो सालों से चारों धामों में चल रहा तीर्थपुरोहितों का धरना मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी केदारनाथ में जारी है। हालांकि मुख्यमंत्री की ओर से 30 अक्टूबर तक मामले को सुलझाने के आश्वासन के बाद तीर्थ पुरोहितों ने सोमवार को आयोजित महारैली को स्थगित कर दिया।
तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि सीएम के आश्वासन के बावजूद तय समय तक मांग पर  कार्यवाही नहीं हुई तो आंदोलन को और उग्र किया जायेगा। वहीं केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों का देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर 28वें दिन भी क्रमिक अनशन जारी रहा।
बता दें कि देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर चारों धामों में तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन दो साल से चल रहा है। तीर्थ पुरोहितों की मांग है कि देवस्थानम बोर्ड को भंग किया जाय। इस बोर्ड के गठन से तीर्थ पुरोहितों के हक-हकूकों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। केदारनाथ यात्रा पर घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी, होटल व्यवसायी जुड़े हैं और देवस्थानम बोर्ड के गठन से मजदूरों और होटल व्यापारियों का इसका बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को पूर्ण रूप से भंग किया जाए और अगर सरकार ने 30 अक्टूबर तक इसे भंग करने का
फैसला नहीं लिया तो तीर्थ पुरोहित आंदोलन को और उग्र करेंगे।
केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद प्रस्तावित महारैली को स्थगित की गई है, लेकिन केदारनाथ में मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। वहीं केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों का 28वें दिन क्रमिक अनशन जारी रहा। क्रमिक अनशन पर बैठने वालो में सौरभ शुक्ला, मनोज तिवारी, रमाकांत शर्मा, लक्ष्मी प्रसाद शुक्ला शामिल थे। केदार सभा के महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती ने कहा कि जब तक उनकी मांग पर सरकार कार्रवाई नहीं कर लेती आंदोलनजारी रखा जाएगा। कहा कि सरकार को देवस्थानम बोर्ड को भंग करना ही होगा। पिछले तीन महीने से केदारनाथ धाम में आंदोलन चल रहा है, लेकिन सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है। इस अवसर पर विमल शुक्ला, महेश तिवारी, राकेश बगवाड़ी समेत बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित शामिल थे।

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