- बोले, सीएम की घोषणाओं पर नहीं किया जा रहा अमल
- लंबित मांगों को लेकर 11 सितंबर को गांधी पार्क में देंगे धरना
देहरादून । सम्मान पेंशन, दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, चिन्हीकरण समेत अन्य लंबित मांगों को लेकर राज्य आंदोलनकारियों के तेवर तल्ख बने हुए हैं। राज्य आंदोलनकारियों में इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा व मसूरी गोलीकांड की बरसी पर गत एक व दो सितंबर को राज्य आंदोलनकारियों के संदर्भ में जिन दो बिंदुओं पर घोषणा की थी उस पर अभी तक अमल नहीं किया गया है।
बुधवार को कचहरी परिसर स्थित शहीद स्मारक पर हुई बैठक में राज्य आंदोलनकारियों ने निर्णय लिया कि राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण हेतु शासनादेश जारी करने, जिला स्तरीय कमेटी बनाने, सम्मान परिषद का गठन करने तथा दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की सुविधा बहाल करने की मांग को लेकर आगामी 11 सितंबर को स्थानीय गांधी पार्क में एक दिवसीय धरना दिया जाएगा। बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी व धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि सरकार द्वारा राज्य आंदोलनकारियों के संर्दभ में हर बार घोषणाएं तो की जा रही हैं, लेकिन इनका शासनादेश जारी नहीं किया जा रहा है। सम्मान परिषद बनाने की जो घोषणा सीएम ने कुछ दिन पहले की है उस पर भी अब तक कोई अमल नहीं किया गया है। कहा कि जिला स्तरीय कमेटी का गठन कर छूटे हुए राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए।
राज्य आंदोलनकारियों को दस प्रतिक्षण क्षैतिज आरक्षण की सुविधा बहाल करने पर भी सरकार ने चुप्पी साध रखी है। कहा कि इस एक्ट को लागू करने के लिए जल्द ही राज्यपाल से हस्ताक्षर कराए जाए। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी महेन्द्र रावत व प्रदीप कुकरेती ने कहा कि पिछले दिनों हुए मानसून सत्र में जिस तरह संसदीय कार्यमंत्री ने सदन में पुरानी सरकार के तथ्यों को रखा उससे राज्य आंदोलनकारियों को गुमराह किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल का पूरा समय लगभग निकाल लिया है। अब मात्र तीन-चार माह का समय बचा है उसे भी केवल घोषणाओं तक सीमित रखकर जनता को भटकाने का काम किया जा रहा है। राज्य आंदोलनकारियों ने एक सुर में कहा कि यदि उनकी न्यायोचित मांगों का जल्द समाधान नहीं होता है तो वह सडक़ों पर उतरकर आंदोलन करने को बाध्य होंगे। बैठक में वेद प्रकाश, विक्रम भंडारी, डीएस गुसाईं, रामलाल खंडूड़ी, जयदीप सकलानी, बलबीर नेगी, मोहन खत्री, प्रेम सिंह, मनीष नागपाल, विनोद असवाल, जगदीश कुकरेती, जबर सिंह पावेल, प्रभात डंडरियाल, सुलोचना भट्ट, राधा तिवारी, शकुंतला देवी, लक्ष्मी बिष्ट, सरोज रावत, बीना बहुगुणा आदि मौजूद रहे।