देहरादून। समाज कल्याण विभाग भी अजीब है। समाज कल्याण विभाग के जिस दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में जिस सहायक समाज कल्याण अधिकारी पर मुकदमा चलना है उसी को उसी जिले में प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी के रूप में तैनाती दे दी गई। मामला हरिद्वार जिले का है । इसी 31 अगस्त को प्रमुख सचिव समाज कल्याण एल फैनई ने तत्कालीन सहायक समाज कल्याण अधिकारी टीआर मलेठा के खिलाफ कनखल थाने में दर्ज एफआईआर के तहत विवेचना की इजाजत दी उसी अधिकारी को ही उसी जिले में प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी बना दिया है।
बता दें कि प्रदेश में दशमोत्तर आखिर इसकी जरूरत क्यों पड़ रही है ।
कहाँ तो मितव्ययिता को देखते हुए समान कार्य वाले विभाग के समाज कल्याण विभाग ,जनजाति कल्याण विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशालयों को एक किया जाना था लेकिन यहां तो कहानी उल्टी है । सचिवालय के सूत्र बता रहे है कि इस मामले में पूर्व के अपर सचिव और मंत्री के बीच बड़ी डील हुई थी । जब निदेशालय में काम करने को 4-4 अधिकारी हैं तो और की जरूरत क्या वो भी तब जब उन्हें योजनाओ का ज्ञान ना हो। देना है तो जिले में अधिकारी दो जहां कि पूरी की पुरी व्यवस्था निम्न पद के प्रभारियों के भरोसे चल रही है ।