मोटरमार्ग जानलेवा बनने से ग्रामीणों को हो रही दिक्कतें
ऊखीमठ-उनियाणा-रांसी मोटरमार्ग पर सफर करना हुआ मुश्किल
- लाखों रुपये खर्च होने के बाद भी नहीं सुधरी मार्ग की हालत
ऊखीमठ। पीएमजीएसवाई की लापरवाही से ऊखीमठ-उनियाणा-रांसी मोटरमार्ग जानलेवा बना हुआ है, जिससे राहगीरों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। विभाग द्वारा मोटर मार्ग के रख-रखाव पर प्रति वर्ष लाखों रुपये व्यय तो किये जाते हैं, मगर विभागीय अधिकारियों की जेबों में मोटा कमीशन व मोटर मार्ग के रख-रखाव पर कम धनराशि व्यय होने से मार्ग जर्जर बनता जा रहा है। क्षेत्रीय जनता द्वारा वर्ष 2018 से मोटर को दुरुस्त करने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन व विभाग की मिलीभगत से जनता की आवाज फाइलों में कैद है।
बता दें कि पीएमजीएसवाई ने तीन जुलाई 2014 को लगभग 8 करोड़ 65 लाख रुपये की लागत से ऊखीमठ-उनियाणा-रांसी मोटर का डामरीकरण व सुधारीकरण कार्य शुरू किया था तथा 3 जनवरी 2016 को मार्ग का डामरीकरण व सुधारीकरण कार्य पूरा होना था, मगर मोटर मार्ग पर करोड़ों रुपये का कार्य शुरू होते ही मार्ग विवादों में घिर गया। मार्ग के डामरीकरण व सुधारीकरण की गुणवत्ता को दरकिनार किये जाने से विभागीय कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी और वर्ष 2018 में मदमहेश्वर घाटी विकास मंच व स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आन्दोलन के लिए बाध्य होना पड़ा। विभाग की ओर से मार्ग के रख-रखाव पर दैवीय आपदा मद से लगभग 31 लाख रुपये व्यय करने के बाद भी मार्ग जानलेवा बना हुआ है, जिससे मदमहेश्वर घाटी के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों को जान हथेली पर रखकर आवाजाही करनी पड़ रही है। जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा ने कहा कि विभागीय लापरवाही से मोटर मार्ग गड्ढों में तब्दील होता जा रहा है, जिससे मार्ग पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है। प्रधान रांसी कुंती नेगी ने कहा कि विभागीय अधिकारियों को मोटा कमीशन जाने से मार्ग जर्जर बना हुआ है। मदमहेश्वर घाटी विकास मंच अध्यक्ष मदन भट्ट का कहना है कि विभागीय अधिकारियों को बार-बार अवगत कराने के बाद भी मोटर की हालात जानलेवा बनी हुई है। वहीं दूसरी ओर विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जगह-जगह भूधंसाव के कारण कुछ स्थानों पर मार्ग जर्जर बना हुआ है। कुछ दिनों बाद मार्ग पर सुधारीकरण का कार्य शुरू कर दिया जायेगा।