नौनिहालों को जान हथेली पर रखकर करनी पड़ रही आवाजाही
राइंका दैड़ा को जोड़ने वाला पैदल मार्ग पर हो रहा भूधंसाव
ऊखीमठ। तुंगनाथ घाटी में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण राइंका दैड़ा को जोड़ने वाला पैदल सम्पर्क मार्ग पर भू धसाव होने से जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे विद्यालय में अध्ययनरत विभिन्न गांवों के लगभग दो सौ नौनिहालों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने तहसील प्रशासन को ज्ञापन सौंप कर जिला पंचायत के काकडागाड़-सिल्गोट-दैड़ा पैदल सम्पर्क मार्ग के ट्रीममेट की मांग की है। हालांकि बुधवार को पीडब्ल्यूडी के मजदूरों ने वैकल्पिक तौर पर रास्ते का निर्माण शुरू कर दिया है।
राइंका दैड़ा में हूड्डू, दिलणा, बरंगाली, सेमार, कांडा, ग्वाड़, कर्णधार, उषाड़ा व दैड़ा के दो सौ से अधिक बच्चे अध्ययन करते हैं। विद्यालय तक पहुंचने वाला एकमात्र पैदल मार्ग लगातार बारिश से भूस्खलन की चपेट में आकर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे विद्यार्थी विद्यालय नहीं पहुंच पा रहे हैं। हूड्डू, बरंगाली व दैड़ा के ग्राम प्रधानों ने आवाजाही में खतरे को देखते हुए विद्यालय प्रशासन को पत्र भेजकर पांच दिन तक बच्चों को न भेजने का फैसला किया है। राइका दैड़ा के नीचे विगत कई वर्षों से भूस्खलन हो रहा है जिससे विद्यालय भवन को भी खतरा बना हुआ है। ग्राम प्रधानों ने स्कूली बच्चों को हो रही समस्याओं को देखते हुए एसडीएम जितेंद्र वर्मा से मुलाकात कर पैदल मार्ग का निर्माण करने की मांग की। बुधवार को पीडब्ल्यूडी द्वारा वैकल्पिक मार्ग का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। ग्राम प्रधान दैड़ा योगेंद्र नेगी ने बताया कि पैदल मार्ग के निर्माण के लिए ग्रामीणों द्वारा भी श्रमदान किया जाएगा। कहा कि विद्यालय के निचले हिस्से में लगातार भूस्खलन हो रहा है जिससे विद्यालय को भी खतरा बना हुआ है। श्री नेगी ने बताया कि तुंगनाथ घाटी में हो रही मूसलाधार बारिश से राइंका दैड़ा के निचले हिस्से में लगातार भूधंसाव जारी है और भूध्ंसाव होने के कारण विद्यालय को जोड़ने वाला पैदल मार्ग जगह-जगह क्षतिग्रस्त होने से विद्यालय में अध्ययनरत दैड़ा, डूंडू, कांडा, बरंगाली, ग्वाड दिलणा सहित विभिन्न गांवों के लगभग दो सौ नौनिहालों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। प्रधान बरंगाली महावीर सिंह नेगी ने बताया कि राइंका दैड़ा के निचले हिस्से में भू धसाव होने से पैदल सम्पर्क मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है और समय रहते आकाश कामिनी नदी किनारे सुरक्षा दीवार का निर्माण नहीं हुआ तो भविष्य में राइंका दैड़ा को भी खतरा उत्पन्न हो सकता है। प्रधान हूडू बीरेन्द्र राणा ने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने तहसील प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग की मांग की है। समय रहते भूधंसाव के कारण क्षतिग्रस्त हुए पैदल मार्ग का ट्रीटमेंट नहीं हुआ तो विद्यालय में अध्ययनरत नौनिहालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उन्होंने भूस्खलन को रोकने के लिए स्थायी ट्रीटमेंट करने की मांग की। इस मौके पर प्रधान हूड्डू वीरेंद्र राणा, दैड़ा योगेंद्र नेगी, बरंगाली महावीर नेगी, यशवंत नेगी, प्रदीप नेगी आदि थे।