बाल विकास विभाग के 8 अप्रैल के पुष्टाहार टेंडर पर हाईकोर्ट की रोक
हरिद्वार की स्वयं सहायता समूह ने लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का पालन न किए जाने आरोप
नैनीताल । नैनीताल उच्च न्यायालय ने प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए टेक होम राशन की आपूॢत के लिए जारी टेंडर के मामले में बाल विकास विभाग के आठ अप्रैल 2021 के पुष्टाहार टेंडर पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही राज्य सरकार का जवाब तलब कर दिया है। इससे एक बार फिर राज्य सरकार की किरकिरी तय मानी जा रही है।
सोमवार रोक हरिद्वार की ली बहेड़ा स्वयं सहायता समूह की एक चुनौती याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूॢत शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने लगाई है। याचिका में कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों में पुष्टाहार की सप्लाई के लिए निकाले जाने वाले टेंडर में स्वयं सहायता समूह व ग्रामीण समूहों को वरीयता दिया जाना जरूरी है। यहां राज्य सरकार ने जानबूझकर टेंडर प्रक्रिया में ऐसे शर्ते रखी कि उन्हें स्वयं सहायता समूह या ग्रामीण समूह पूरा नहीं कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए टेंडर प्रक्रिया की एक शर्त तीन साल में तीन करोड़ से अधिक का टर्नओवर करने वाला समूह ही प्रक्रिया में शामिल होने की रखी गई है। इसी तरह से धरोहर राशि ही 11 लाख 24 हजार रुपये रखी गई है। यही नहीं राज्य सरकार ने इस टेंडर प्रक्रिया में प्राइवेट कंपनियों को भी प्रतिभाग करने की छूट दे दी। याचिकाकर्ता का आरोप है कि राज्य सरकार ने यह कृत्य जानबूझकर किया है।
याचिका में कहा गया है कि सरकार ने स्वयं सहायता समूहों को समान की गुणवत्ता , लेबङ्क्षलग स्टोरेज आदि का प्रशिक्षण दिया है। इसमें कहा गया कि टेंडर प्रक्रिया में राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों का अनुपालन नहीं किया है। याचिका में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि उच्चतम न्यायालय ने महिला समूहों को बढ़ावा देने के लिए टेंडर प्रक्रिया में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। यहां इसका पालन नहीं किया गया है। याचिका में कहा गया है कि सरकार की उपेक्षा के कारण हरिद्वार के लीबहेड़ा में चेतना स्वयं सहायता समूह, संतोषी माता स्वयं सहायता समूह,लक्ष्मी बाई स्वयं सहायता समूह,कृष्णा स्वयं सहायता समूह,गायत्री स्वयं सहायता समूह व अम्बेडकर स्वयं सहायता समूहों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद राज्य सरकार ने टेंडर पर ही रोक लगा दी है।