नई दिल्ली। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से कई नागरिकों को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। राजधानी स्थित हामिद करजई एयरपोर्ट पर ऐसे कई दृश्य सामने आए, जो यह साबित कर रहे थे कि लोग तालिबान शासन में रहने की बजाए देश छोड़ना या प्रयास में जान गंवाना पसंद कर रहे हैं।हालांकि, इन परेशान अफगानों की मदद के लिए कई देशों ने हाथ बढ़ाया है। इन मददगार हाथों में भारत का नाम भी शामिल है। खबर है कि अफगान छोड़कर भाग रहे ज्यादातर अफगान पाकिस्तान और ईरान में शरण ले रहे हैं।आंकड़े बताते हैं कि दशकों से जारी पलायन के बाद 26 लाख अफगान शरणार्थियों में 90 फीसदी इन्हीं देशों में हैं। बीते मई से लगातार लोगों का पलायन जारी है, जो बीते रविवार को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद और बढ़ गया है। संयुक्त राष्ट्र की रिफ्यूजी एजेंसी ने कहा कि ज्यादातर अफगान देश नहीं छोड़ पा रहे हैं और जो खतरे में हो सकते हैं, उनके पास ‘बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है।