देहरादून। पूर्व सीएम व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने भी तीलू रौतेली पुरस्कार पर उठे विवाद को चिंताजनक बताया है। रावत ने कहा है कि वे यह नहीं कह रहे कि जिन्हें पुरस्कार मिला है वे पात्र नहीं थे, वो सुपात्र हो सकते हैं, लेकिन राजनीतिक पृष्ठभूमि से विवाद हुआ है।
रावत ने कहा है कि हमारा उद्देश्य किसी काम को करने के पीछे अपनी पार्टी को लाभान्वित करना होता है, उसे निस्वार्थ सेवा या विशुद्ध समाज सेवा नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा है कि अच्छा होता कि इस प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाकर रखा जाता और कोशिश होती कि सक्रिय राजनीति से जुड़ा हुये लोग चयनित न हों। यदि उनको चयनित करना चाहते हैं तो फिर डिजिटल प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, ताकि जिला स्तर पर आवेदन स्वीकार करते हुये,आवेदनों पर जिले में ही डिजिटल माध्यम से वोटिंग करवाई जाए और वहां से जो नाम स्क्रीन होकर के आएं, उन नामों में से ही चयन किया जाए। मैं सोचता हूँ कि रुकांग्रेस की सरकार आने में हमको न केवल ‘‘तीलू रौतेली पुरस्कार‘‘ की चयन प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाना चाहिए। रावत ने कहा है कि कांग्रेस की सरकार आयी तो पुरुषों के लिए भी वीर माधो सिंहभंडारी पुरस्कार स्थापित करेंगे ताकि समाज के अंदर विशिष्ट कार्य करने की प्रवृत्ति बढे़।