केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने खून से लिखा प्रधानमंत्री को पत्र 

खून से लिखे पत्र में देव स्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग

रुद्रप्रयाग। विश्व विख्यात ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों का देव स्थानम के विरोध में दो सालों से चल रहा आंदोलन अब तेज होता जा रहा है। बुधवार को केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने खून से पत्र लिखकर बोर्ड को भंग करने की मांग की। इसके अलावा पुरोहितों ने धाम में सरकार और देव स्थानम बोर्ड के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया।
देव स्थानम बोर्ड का गठन हुये दो साल का समय हो चुका है। जब से बोर्ड का गठन हुआ है तब से उत्तराखंड के चारो धामों के तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन जारी है। केदारनाथ धाम में विगत दो माह पूर्व बोर्ड के विरोध में सात दिनों तक शीर्षासन आंदोलन करने वाले अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित समाज के राष्ट्रीय युवा उपाध्यक्ष आचार्य संतोष त्रिवेदी ने बुधवार को अपने खून से लिखा पत्र देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा है। खून से खिले हुए पत्र में उन्होंने कहा कि कि देव स्थानम बोर्ड का गठन करके सनातन धर्म की पौराणिक परम्पराओं के साथ छेड़छाड़ हुई है। विगत दो वर्षों से उत्तराखण्ड के चारो धामें के तीर्थ पुरोहितों का बोर्ड के खिलाफ आंदोलन जारी है। ऐसे में प्रधानमंत्री को अपने स्तर से बोर्ड को शीघ्र भंग करना चाहिये। उन्होंने कहा कि तीर्थ पुरोहितों को प्रधानमंत्री से बहुत उम्मीदें थी, लेकिन तीर्थ पुरोहितों की उम्मीदें धरी की धरी रह गई हैं।

सरकार और बोर्ड के विरोध में रैली

निकालकर प्रदर्शन करते हुये तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि अब बोर्ड को भंग करने के लिये आर-पार की लड़ाई लड़ी जायेगी। यदि बोर्ड को भंग नहीं किया जाता है तो पुरोहित अब आमरण अनशन करेंगे। बोर्ड का गठन होने से पुरोहितों के हक-हकूक प्रभावित हुए हैं। इस मौके पर केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, रमाकांत शर्मा सहित अन्य मौजूद थे।

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