रोहतक। टोक्यो ओलम्पिक में चौथे स्थान पर भी रहे हरियाणा के प्रत्येक खिलाड़ी को 50-50 लाख रुपये की राशि मिलेगी। खट्टर ने कहा कि राज्य की खेल नीति में हालांकि ओलम्पिक खेलों में चौथे स्थान पर रहने वाले खिलाड़ियों के लिए अभी तक कोई प्रावधान नहीं था। उन्होंने कहा कि ओलम्पिक खेलों में भाग लेना अपने आप में गर्व की बात है। राज्य की खेल नीति के अनुसार इन खेलों में किसी कारणवश पदक न लाने वाले खिलाड़ियों के लिए भी प्रोत्साहन राशि दिए जाने का प्रावधान है।
इसके अनुसार ओलम्पिक खेलों में हिस्सा लेने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को 15-15 लाख रुपये प्रोत्साहन राशि दी जायेगी जिनमें से प्रत्येक खिलाड़ी को 5-5 लाख रुपये की राशि खेलों के शुरू होने से पूर्व दी जा चुकी है तथा शेष 10-10 लाख रुपये की राशि खिलाड़ियों के ओलम्पिक सम्पन्न होने के बाद वापिस लौटने पर दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल नीति में ओलम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को छह करोड़ रुपये, रजत पदक के लिये चार करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक के लिये 2.5 करोड़ रुपये देने का ही प्रावधान है।
सरकार ओलम्पिक खेलों में पदक प्राप्त करने वाले एवं प्रतिभागिता करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित करेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 वर्षों के बाद ओलम्पिक खेलों में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है।
इस टीम में प्रदेश के दो खिलाड़ी शामिल हैं जिन पर सभी को गर्व है। इसी तरह महिला हॉकी टीम ने भी बहादुरी के साथ कांस्य पदक के लिए मैच खेला। इस टीम में प्रदेश के नौ खिलाड़ी हैं। सरकार इन्हें भी 50-50 लाख रुपये की राशि देगी। खट्टर ने कहा कि प्रदेश के पहलवान रवि दहिया ने ओलम्पिक खेलों में रजत पदक जीतकर देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को खेलों का हब बनाया जायेगा। देश की मात्र दो प्रतिशत जनसंख्या होने के बावजूद ओलम्पिक खेलों में भाग लेने वाले देश के खिलाड़ियों में 25 प्रतिशत भागीदारी प्रदेश से है।