पैंतीस बीघा जमीन से अतिक्रमण हटाने के मामले की सुनवाई दस दिन बाद

नैनीताल । नैनीताल उच्च न्यायालय ने ऋषिकेश के वीरपुर खुर्द रिजर्व फारेस्ट की पैंतीस बीघा भूमि से पूरी तरह अतिक्रमण न हटाए जाने से जुड़े मामले की अगली सुनवाई दस दिन बाद तय कर दी है। इस मामले में न्यायालय बहुत पहले तीन माह के भीतर पूरा अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी कर चुका है। 
यह आदेश बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने  हरिद्वार निवासी अर्चना शुक्ला की अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। मजेदार बात यह है कि सरकार ने अपने शपथ पत्र में न्यायालय के आदेश का अनुपालन करने और अतिक्रमण हटाने का उल्लेख किया है, जबकि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने आधा अधूरा अतिक्रमण हटाने की बात की है। इसमें न्यायालय ने शपथ पत्र के साथ पेश किए फोटोग्राफ्स का उल्लेख किया है। 
अधिवक्ता ने इनको आधे अधूरे बताया है। अधिवक्ता ने इस जगह की खुद मौका मुआयना करने की अनुमति मांगी है। गौरतलब है कि जनहित याचिका में कहा गया है कि ऋषिकेश के निकट वीरपुर खुर्द वीरभद्र में मुनि चिदानंद ने रिजर्व फारेस्ट की 35 बीघा भूमि पर कब्जा करके वहां पर 52 कमरे, एक बड़ा हाल और गौशाला का निर्माण कर रखा है। चिदानंद का रसूखदारों से सम्बन्ध होने के कारण  वन विभाग व राजस्व विभाग द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही है।

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