अल्मोड़ा । जागेश्वर धाम में पुजारियों और ट्रस्ट के प्रबंधक को गाली गलौज और हाथापाई करने वाले बरेली के सांसद धीरेंद्र कश्यप के खिलाफ विधायक एवं पूर्व विस अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने पिछले चौबीस घंटे से चला आ रहा उपवास समाप्त कर दिया है। उन्होंने राज्य सरकार को आरोपित सांसद को गिरफ्तार करने का एक माह का वक्त दिया है। उन्होंने कहा कि तय समय में कार्रवाई न होने पर निर्णायक आंदोलन छेड़ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को मंदिर के पुजारी, प्रबंधक या किसी अन्य को गाली गलौज या हाथापाई करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि धार्मिक आस्था के केंद्रों में तो इस तरह की घटनाएं पाप मानी जाती हैं। उपवास स्थल पर हुई सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि मंदिर प्रबंधक भगवान भट्ट के साथ यूपी के भाजपा सांसद अमर्यादित व्यवहार अशोभनीय एवं घृणित है। उन्होंने मांग उठाते हुए कहा कि ऐसे जनप्रतिनिधियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही शीघ्रता से होनी चाहिए। ताकि आम जनता में न्याय व्यवस्था पर विश्वास बने रहे। उन्होंने दोषी सांसद पर सुसंगत कार्यवाही करने के लिए एक माह का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि दोषी सांसद पर कार्यवाही नहीं की गई तो कांग्रेस स्थानीय व्यापारियों, जनता एवं जागेश्वर मंदिर समिति के पुजारियों के साथ मिलकर बडा आन्दोलन खडा करने को विवश होगी। जिसको लेकर शीघ्र ही पुजारियों के साथ बैठकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। इसके खिलाफ वह व्यापक जन आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेंगे। इससे पहले पुजारियों के अुरोध पर कुंजवाल ने उपवास खत्म किया। पुजारियों ने ही कुंजवाल को जूस पिलाया।
इस मौके पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष कांग्रेस पीतांबर पांडे, लमगड़ा ब्लॉक अध्यक्ष दीवान सिंह सतपाल, पूरन सिंह बिष्ट, डीबीसी के पूर्व अध्यक्ष दीवान सिंह भैंसोड़ा, पिथौरागढ़ा नगर उपाध्यक्ष जगत सिंह खाती, हल्द्वानी महानगर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल कुमार, न्याय पंचायत अध्यक्ष हरीश जोशी, मनोज रावत, पूरन चंद्र, बसंत भट्ट, दिनेश जोशी, कुंदन सिंह राणा, ललित खेड़ा, गणेश प्रसाद, शंकर पांडे, प्रेमा देवी, गिरीश भट्ट, शुभम भट्ट, कमल भट्ट समेत सैकड़ो कार्यकर्ता एवं पुरोहित मौजूद रहे।
जागेश्वर प्रकरण पर माफी मांगे भाजपा सांसद: कुंजवाल
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह कुंजवाल ने जागेश्वर धाम में अमर्यादित भाषा के प्रयोग करने एवं पद की हनक दिखाने के आरोपित बताए जा रहे आंवला बरेली के सांसद धीरेंद्र कश्यप से स्थानीय पुजारियों और जनता से माफी मांगने को कहा है। उन्होंने कहा भारत की सर्वोच्च विधायिका प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद का बर्ताव कतईं भी बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण ने देवभूमि के आतिथ्य सत्कार करने वालों के मनोबल एवं भावनाओं को आघात पहुंचाने का काम किया है।
जनप्रतिनिधि को अपनी गरिमा का हमेशा रखना चाहिए ख्याल: रघुनाथ सिंह चौहान
विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने सांसद प्रकरण पर प्रतिक्रिया देने हुए कहा कि सांसद देश की संसद में कानून बनाने का काम करता है। इसलिए उसे हमेशा ही पद की गरिमा एवं शुचिता का ध्यान रखना चाहिए। आस्था केंद्र में इस प्रकार की घटना को वे अशोभनीय मानते है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है और यहां आस्था के अनेक केंद्र है। बारह ज्योतिर्लिंगों में एक शुमार जागेश्वर विश्व विख्यात है। इसलिए यहां आने वाले सभ्य लोगों को हम हमेशा से ही स्वागत करते है। लेकिन, आस्था के साथ खिलवाड$ करने वालों को हम कभी भी स्वागत नहीं करेंगे।
धर्मेंद्र कश्यप माफी मांगें : ऐरी
उक्रांद के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने जागेश्वर प्रकरण पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा भाजपा के लोग दादागिरी में उतर आए हैं। सरकार पहले स्वयं एसओपी तय कर रही है और उसी के सांसद इसका खुला उल्लंघन कर रहे हैं। यह सरासर अराजकता है। कहा सांसद धर्मेंद्र कश्यप के अंदर जागेश्वर धाम के प्रति जरा भी आस्था है तो उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
सांसद पर कार्रवाई करे भाजपा : पुष्पेश
द्वाराहाट के पूर्व विधायक उक्रांद के वरिष्ठ नेता पुष्पेश त्रिपाठी ने कहा है पार्टी ने जागेश्वर में सांसद की अभद्रता को गंभीरता से लिया है। घटना की जानकारी मिलने के बाद दल से जुड़े लोग इसके विरोध में उतर आए हैं। हमारी मांग है राम के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा हाईकमान को तत्काल ऐसे सांसद को निलंबित करना चाहिए। उत्तराखंड की देवभूमि में इस प्रकार की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जा सकती है।
सांसद को पद और पार्टी से निकाले भाजपा: परिहार
राज्य आंदोलनकारी एवं जिला बार के निर्वतमान अध्यक्ष महेश परिहार ने जागेश्वर में सांसद धर्मेंद्र कश्यप के व्यवहार की निंदा की है। उन्होंने कहा नैतिकता, धर्म कर्म की बात करने वाली भाजपा को ऐसे व्यक्ति की संसद सदस्यता समाप्त करने के साथ ही पार्टी से बाहर करना चाहिए। कहा पिछले साल कोरोना काल में उप्र का एक विधायक बद्रीनाथ पहुंच गया था। उत्तराखंड सरकार उस प्रकरण पर कुछ भी नहीं कर पाई थी। इधर जागेश्वर की ताजा घटना ने एक बार पार्टी फिर से कटघरे में आ गई है। बताया प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारी सरकार के वसूली एजेंट बन कर रहे गए हैं। ऐसे में इस प्रकार के प्रकरण हुई एफआईआर पर कार्रवाई होगी या नहीं कहा नहीं जा सकता है।