देहरादून। टोक्यो ओलंपिक में हैट्रिक लगाकर उत्तराखंड की वंदना कटारिया ने इतिहास रच दिया है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में वंदना कटारिया ने तीन गोल दागकर टीम को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ओलंपिक में हैट्रिक लगाने वाली वंदना भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गयी।
वंदना की इस उपलब्धि पर उनके घर हरिद्वार के गांव रोशनाबाद में खुशी का माहौल है। वंदना कटारिया हरिद्वार जनपद के रोशनाबाद निवासी है। गांव रोशनाबाद निवासी वंदना ने पढ़ाई के साथ हॉकी को अपना कैरियर बनाने के लिए जमकर मेहनत की है। वर्ष 2006 में वंदना कटारिया ने पहली बार जूनियर अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा में हिस्सा लिया।
2013 में देश में सबसे अधिक गोल करने में सफल रहीं। जर्मनी में हुए जूनियर महिला विश्वकप में वंदना कटारिया कांस्य पदक विजेता बनीं। वंदना ने हॉकी में फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान भी रह चुकी हैं।ओंलंपिक में वंदना की हैट्रिक से परिवार परिवार में खुशी की लहर है। मई 2021 में पिता के आकस्मिक निधन हो गया था। तब वह गांव नहीं आ पाई थी। वह ओलंपिक के लिए बेंगलुरु में चल रहे कैंप में तैयारी कर रही थी। वंदना के पिता की इच्छा थी कि उनकी बेटी ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता टीम का हिस्सा बने। उनकी उपलब्धि पर ग्रामीण उनके घर शुभकामनाएं देने आ रहे है।