महीने भर में कार्यप्रणाली सुधारें पीपीपी मोड वाले अस्पताल
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा अस्पताल समन्वय के लिए नियुक्त करें संपर्क अधिकारी
देहरादून। राज्यभर में पीपीपी मोड़ में संचालित अस्पतालों को लेकर विधायकों ने शिकायतों का अंबार लगाया तो स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने ऐसे अस्पतालों को एक महीने में अपनी कार्यप्रणाली सुधारने की ताकीद की।
शनिवार को पीपीपी मोड में संचालित अस्पतालों की समीक्षा बैठक में डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि ऐसे अस्पतालों अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं किया तो सरकार उनके विरूद्ध कार्यवाही करते हुए अनुबंध समाप्त करने की कार्यवाही करेगी। बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज सहित आधा दर्जन विधायकों ने प्रतिभाग करते हुए अपने विधानसभा क्षेत्रों में संचालित पीपीपी मोड़ अस्पतालों में क्षेत्रीय जनता को आ रही समस्याएं गिनाई। जिस पर विभागीय मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को ऐसे अस्पतालों की लगातार निगरानी करने तथा शासन को मासिक रिपोर्ट भेजने को कहा।
इसके पहले बैठक में विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र में संचालित पीपीपी मोड वाले अस्पतालों की समस्याएं रखी। विधायकों ने पीपीपी मोड़ में चल रहे अस्पतालों के गैर जिम्मेदाराना रवैये, डॉक्टरों की कमी जैसे अन्य कई गंभीर मुद्दे बैठक में रखे। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान क्षेत्रवासियों ने पीपीपी मोड़ में संचालित अस्पताल बीरोंखाल में अव्यवस्था की शिकायतें की तथा स्वयं उन्होंने पाया कि अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टर व टेकशियन गायब मिले। यही नहीं क्षेत्रवासियों ने बताया कि काफी दिनों तक अस्पताल की ओपीडी भी बंद रही जिस कारण क्षेत्रवासियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, विधायक टिहरी धन सिंह नेगी, विधायक सल्ट महेश जीना, विधायक रामनगर दीवान सिंह बिष्ट, घनसाली विधायक शक्ति लाल शाह, पूर्व विधायक एवं नगर पालिका अध्यक्ष पौड़ी यशपाल बेनाम, सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, अपर सचिव स्वास्थ्य एवं मिशन निदेशक एनएचएम सोनिका, स्वास्थ्य महानिदेशक डा़ तृप्ति बहुगुणा, सीएमओ टिहरी संजय जैन, डा एस चौहान, डा़ रमेश कुमार, डा़ शैलेन्द्र सिंह, डा़ रमेश सिंह राणा, डा़ आशीष गोसाई, डा एमबी पंत, डा़ पीयूष, डा़ संतोष कुंवर, डा. गौरव रतूड़ी, डा प्रतिभा कोहली, दीपक गोयल, अभिषेक दुबे, अम्बेश बाजपेयी सहित विभागीय अधिकारी एवं पीपीपी मोड अस्पतालों के प्रतिनिधि उपस्थिति रहे।
जिस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पताल संचालकों की जिम्मेदारी है कि वह अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित कर लोगों की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों को दूर करें। विधायकों एवं स्थानीय जनता के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए उन्होंने अस्पताल संचालकों को संपर्क अधिकारी नियुक्ति करने के निर्देश दिये।