पटना : अपने विद्रोही बयानों के कारण चर्चित पशुपालन मंत्री और वीआईपी पार्टी के नेता मुकेश साहनी को आनन-फानन में दिल्ली जाना पड़ा। सहनी को गृह मंत्री अमित शाह ने तलब किया है।
जानकार लोगों के मुताबिक पिछले 2 दिनों से भाजपा से नाराज चल रहे मुकेश साहनी ने बिना नाम लिए ही भाजपा नेतृत्व पर कई हमला किया था और उनके खिलाफ बयानबाजी की थी। उन्होंने यह धमकी भी दी थी कि यदि उनके पार्टी के फूट डाली गई तो वह ऐसा करने वालों के पर्दे में आग लगा देंगे। चूंकि मुकेश साहनी को बनारस हवाई अड्डे पर नजरबंद कर दिया गया था और उनको फूलन देवी की प्रतिमा लगाने की इजाजत नहीं दी गई थी।
इससे नाराज मंत्री मुकेश साहनी भाजपा के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी भी कर रहे थे और उत्तर प्रदेश के चुनाव में निषाद समाज को भाजपा से अलग करने की धमकी दे रहे थे। इसे देखते हुए गृह मंत्री ने उन्हें दिल्ली तलब किया।
सूत्रों का कहना है कि मुकेश साहनी को औकात में रहने की नसीहत दी जाएगी । साथ ही उनको यह साफ कहा जाएगा कि वह उत्तर प्रदेश की राजनीति और चुनाव में कोई दिलचस्पी नहीं लें, अन्यथा इसके परिणाम भुगतने होंगे। हो सकता है कि वह चिराग पासवान की तरह राजनीति में अलग कर दिए जाएं
उनकी पार्टी के सभी लोग भाजपा में जाने के लिए बेचैन हैं और इस बाबत सहमति भी दे चुके हैं।
ऐसे में मुकेश साहनी के लिए अपनी इज्जत और प्रतिष्ठा के साथ पार्टी को बचाना भी एक चुनौती होगी। अब उन्होंने गृह मंत्री के पास गुहार लगाने का फैसला किया है। मालूम हो कि पिछले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के नेताओं ने मुकेश साहनी को अलग-थलग छोड़ दिया था तब गृह मंत्री के हस्तक्षेप पर भाजपा के साथ उनको लाकर एनडीए गठबंधन में शामिल किया गया। सम्मानजनक सीटें भी दी गई और जीतने के बाद मंत्री भी बनाया गया।गृह मंत्री के इस एहसान को मुकेश साहनी नहीं भूलें इसे ही ताकीद करने के लिए उन्हें दिल्ली दरबार में बुलाया गया है। देखना है कि प्रदेश भाजपा के साथ हुए विवाद को गृह मंत्री कैसे निपटाते हैं।