उच्चतम न्यायालय के आदेश तक चारधाम यात्रा पर रोक :हाईकोर्ट

सरकारी अस्पतालों में कितने रिक्त पद हैं  तीन सौ डेल्टा वेरियंट की जांच का क्या हुआ

  • उत्तराखंड में अभी तक कोरोना से कुल कितने लोगों की मौत हुई 
नैनीताल। कोरोना महामारी के दूसरी लहर की भयावहता के कारण नैनीताल उच्च न्यायालय ने चारधाम यात्रा पर रोक बढ़ा दी है। न्यायालय ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश तक रोक जारी रहेगी। न्यायालय ने राज्य सरकार पूछा है कि सरकारी अस्पतालों में खाली पडे पदों को भरने के लिए सरकार द्वारा अभी तक क्या कदम उठाए गए हैं कितने पद डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन एवं  अन्य स्टाफ के खाली पड़ा हैं  इनको भरने के सरकार क्या क्या कदम उठा रही है  इसके साथ ही न्यायालय ने  जिला अस्पतालों में एम्बुलेंस की वास्तविक स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। इसमें सरकार को कुल एंबुलेंस की संख्या, कितनी चालू हालत में है उसका लाइसेंस है या नहीं कितने अन्य की जरूरत है की डिटेल देनी है। न्यायालय ने डेल्टा वेरिएंट के भेजे गए तीन सौ नमूनों की जांच का भी खुलासा करने को कहा है। इसके साथ ही कोरोना से हुई कुल मौतों का विवरण तलब कर लिया है। इन सभी सवालों का जवाब देने के लिए सरकार को 18 अगस्त तक का समय दिया गया है। इसी तिथि को अगली सुनवाई मुकर्रर कर दी है।
बुधवार को यह आदेश अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, सच्चिदानंद डबराल सहित कई लोगों की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की संयुक्त खंडपीठ ने जारी किया है। इन याचिकाओं में प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था, कोविड से लड़ने के लिए वैक्सीनेशन इंतजामों पर कई गंभीर सवाल उठाए गए हैं। न्यायालय ने वैक्सीनेशन से जुड़े अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने यह भी पूछा है कि वैक्सीनेशन के कुल कितने सेंटर बनाए गए हैं   पर्याप्त है या नहीं  विकलांग व अपाहिज को वैक्सीनेशन लगाने के लिए सरकार क्या कर रही है।
इससे पहले अधिवक्ता शिव भट्ट ने न्यायालय को बताया कि राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा की  रोक पर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में एसएलपी दाखिल की है। अभी तक सुनवाई नहीं हुई है। अधिवक्ता ने चारधाम यात्रा पर रोक के आदेश  को  आगे बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया है। न्यायालय ने यह भी साफ कर दिया है कि यह रोक उच्चतम न्यायालय के आदेश जारी होने तक लागू रहेगी। न्यायालय ने कहा कि इस समय इंटर्न डॉक्टर मानसिक, शारीरिक,मनोवैज्ञानिक  एवं आर्थिक रूप से परेशान हैं। न्यायालय ने सवाल किया कि इनका स्टाइफण्ड बढ़ा ने के लिए सरकार क्या कर रही है।
इस असवर पर न्यायालय ने वीकेंड पर पर्यटन स्थलों स्थलों में बढ़ा रही भीड़ पर फिर चिंता जाहिर की है। न्यायालय ने सरकार से कहा कि जिला अधिकारियों को पर्यटन स्थलों की क्षमता के अनुसार जांच के उपरांत ही पर्यटकों को आने देने का निर्देश देने को कहा है। न्यायालय ने कहा कि नैनीताल में ही 7५ प्रतिशत पर्यटक एसओपी का पालन नहीं कर रहे हैं। न्यायालय ने कहा कि यही कारण है कि पिछले सप्ताह नैनीताल में दस  कोरोना पॉजिटिव मिले थे। एक पर्यटक द्वारा महिला पुलिस के साथ मारपीट के मामले में भी न्यायालय ने गंभीरता दिखाई है। न्यायालय ने एसे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सुनवाई के वक्त बताने के निर्देश दिए हैं।

स्वास्थ्य सचिव के पास जिला अस्पतालों की एंबुलेंस का डाटा नहीं

स्वास्थ्य सचिव का कहना है कि उत्तराखंड में 95 ब्लॉक हैं। राज्य सरकार के पास 18 की 54 एम्बुलेंस हैं। अभी 41 और एम्बुलेंस की आवश्यकता है। इसके लिए प्रस्ताव केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा गया है। सचिव जिला अस्पतालों में मौजूद एंबुलेंस के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं दे पाए।

इंटर्न डॉक्टरों के स्टायफंड पर रहस्य गहराया

स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि इंटर्न डॉक्टरों का स्टाइफण्ड बढाने का मामला विचाराधीन है। इस पर जल्दी फैसला लिया जाना है। गौरतलब है कि कुछ एक दिन पहले राज्य सरकार ने कैबिनेट की बैठक में इंटर्न डॉक्टरों का स्टाइपेंड बढ़ाने की जानकारी मीडिया में प्रकाशित की थी,लेकिन स्वास्थ्य सचिव ने बुधवार को यह मामला विचाराधीन बनाकर रहस्यमयी बना दिया है।

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