नैनीताल। उत्तराखंड पुलिस बल की महिलायें सड़कों पर उतरीं। महिलाओं ने कुमाऊं मंडल के रूद्रपुर में 4600 ग्रेड-पे की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया। इससे जहां पुलिस प्रशासन सकते में आ गया वहीं दूसरी ओर सियासत भी गरमा गयी है। पुलिस महकमे में लंबे समय से 4600 रुपये ग्रेड-पे की मांग को लेकर सुगबुगाहट चल रही है। हाल ही में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार की ओर से भी पुलिस कर्मियों को इस मामले में आश्वासन दिया गया था कि शासन स्तर पर बातचीत चल रही है और वे ऐसा कोई भी कदम नहीं उठायें जिससे अनुशासित पुलिस बल की छवि खराब हो।
आज पुलिस कर्मियों के बजाय पुलिस कर्मियों की महिलायें सड़कों पर उतरीं। पुलिस एवं पीएसी कर्मियों की महिलायें सुबह रूद्रपुर के अंबेडकर पार्क में जमा हुईं और धरना-प्रदर्शन किया। महिलाओं ने आरोप लगाया कि सातवें वेतनमान में 20 साल के बाद मिलने वाले 4600 रुपये ग्रेड पे को घटाकर 2800 रुपये कर दिया गया है जो कि गलत है। महिलाओं ने कहा कि सरकार यदि उनकी मांग को नहीं मानती है तो भूख हड़ताल किया जायेगा। यह खबर फैलते ही पुलिस अधीक्षक (सिटी) ममता बोहरा, पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार व पुलिस क्षेत्राधिकारी अमित कुमार मौके पर पहुंच गये और आंदोलनकारी महिलाओं को समझाने का प्रयास किया लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ।
रूद्रपुर के विधायक राजकुमार ठुकराल भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने कहा कि उनकी मांग को मुख्यमंत्री के सामने रखा जायेगा। दूसरी ओर इस मामले को लेकर सियासत भी शुरू हो गयी है। कांग्रेस ने पुलिस कर्मियों की इस मांग का समर्थन किया है। कांग्रेस नेता हरीश रावत ने आज सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा कि मैं इस मांग में पुलिस कर्मियों के साथ हूं।
उनके प्रदर्शन का निर्णय बहुत कष्टपूर्ण है। पुलिस एक अनुशासित बल है, मगर एक तथ्य सत्तारूढ़ दल के लोगों को ध्यान में रखना चाहिए कि आप यदि पुलिस को कुछ दे नहीं सकते तो जो कुछ उनको मिला है, उसको छीनिये भी मत। उन्होंने आगे लिखा है कि पुलिस कर्मियों की आह को मैं समझ सकता हूँ और और मैं समझता हूँ कि राज्य सरकार चेतेगी और सामयिक कदम उठायेगी।