कुमाऊं भर में आशाओं ने दिखाई ताकत, ब्लाकों में प्रदर्शन

तीस जुलाई को फिर प्रदर्शन का एलान, सीएम को भेजा ज्ञापन

हल्द्वानी । अपनी बारह सूत्री मांगों को लेकर एक्टू से संबद्ध आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन एवं सीटू से संबद्ध आशा स्वास्थ्य वर्कर्स यूनियन से जुड़ी हजारों आशाओं ने राज्य भर में धरना दिया और प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने ब्लॉक मुख्यालयों में प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किए। आशाओं ने मांगों पर कार्रवाई न होने पर बेमियादी आंदोलन की चेतावनी भी दी। आशाओं ने 30 जुलाई को फिर प्रदर्शन का एलान किया है। 
हल्द्वानी में शुक्रवार को मुख्य प्रदर्शन यहां जंतर मंतर में किया गया। इस मौके पर एक्टू के प्रदेश महामंत्री के के बोरा ने कहा कि यह सरकार श्रमिक विरोधी सरकार है। इस सरकार ने पूरे देश को संकट में डालने का काम किया है। आशाओं की मांग बिल्कुल जायज है कि उनको अपने काम का मेहनताना मिले, लेकिन यह सरकार कोरोना काल में बिना सुरक्षा उपकरणों के आशाओं की कोविड ड्यूटी तो लगा देती है लेकिन उनका वेतन तो छोडि$ए मानदेय तक देने को तैयार नहीं है, यह बेहद शर्मनाक है। महिलाओं के बारे में बड़-बड़ दावे करने वाली सरकार खुद अपने अस्पतालों में काम करने वाली आशाओं का शोषण कर रही है। उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के प्रदेश महामंत्री डा. कैलाश पांडेय ने कहा कि आशाओं को केवल मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए नियुक्त किया गया था। लेकिन उसके बाद से ही आशाओं पर विभिन्न सर्वे और काम का बोझ लगातार बढ़ाया गया। किंतु उनकी मेहनत का भुगतान नहीं किया जाता। उन्होंने कहा आशाओं का मासिक वेतन फिक्स किया जाए और रिटायर होने पर पेंशन की व्यवस्था की जाय।
इस मौके पर नगर अध्यक्ष रिंकी जोशी, भगवती बिष्ट, मनीषा आर्य, प्रीति रावत, सरोज रावत, रेशमा, हंसी बेलवाल, रोशनी आर्य, दीपा आर्य, शाइस्ता खान, अनुराधा, प्रियंका सक्सेना, शान्ति शर्मा, सुनीता मेहरा, कमला बिष्ट, रजनी देवी, शहनाज, शहाना, बृजेश कटियार, माया तिवारी, चंपा मंडोला, मीना मटियाली, ममता आर्य, खष्टी जोशी, माला वर्मा, दीपा बसानी, उमेरा, हेमा रंगवाल, किरन पलडि$या, भगवती धपोला, रेनू घुघत्याल, कमला मेर, गंगा बिष्ट, हंसी पडियार, जानकी डसीला, पुष्पा आर्य, हंसी उप्रेती, उमा दम्र्वाल, दीपा परगाई, मुन्नी गजरौला, अलामा सिद्दीकी, लता कोहली, लीला बिष्ट, पूनम बिष्ट, शशि पूरी, पार्वती, रेखा गढिय़ा, मीनू चौहान, मिथिलेश, दया पांडे, बीना कोरंगा, उमा नैनवाल, ज्योति रावत, कमलेश बोरा सहित सैकड़ो की संख्या में आशा वर्कर्स मौजूद रहीं। आशाओं के आंदोलन के समर्थन में सनसेरा यूनियन के अध्यक्ष जोगेंद्र लाल, दीपक कांडपाल, विवेक ठाकुर, मनोज कुमार आर्य, मुकेश जोशी मौजूद थे।

12 सूत्रीय मांगों को लेकर आशा कार्यकत्रियों ने खोला मोर्चा

सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आशा कार्यकत्रियों ने मोर्चा खोला दिया है। एक्टू और सीटू से जुड़ी आशाओ ने मांगों के निराकरण को संयुक्त रूप से गांधी पार्क में धरना दिया। इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर शीघ्र मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी। शुक्रवार को वक्ताओं ने कहा आशाओं को मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए नियुक्ति किया गया था। लेकिन उसके बाद से ही आशाओं पर विभिन्न सर्वे और अन्य कामों का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। लेकिन मानदेय नहीं बढ़ा रहा है। कोरोना काल में भी आशाएं पूरे मनोयोग से सरकार की ओर से निर्देशित कामों को बखूबी निभा रही हैं। बावजूद इसके सरकार आशाओं की मांगों को अनदेखा कर रही है। उन्होंने कहा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से की गई घोषणा का अब तक लाभ नहीं मिल पाया है। जिससे आशाओ में रोष है।

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