वनाग्नि एवं बदल फटने की घटनाओं की रोकथाम के अध्ययन के लिए समिति गठित

  • मैग्नेटिक टेक्नोलोजीज कंपनी ने दिया है शासन को नई तकनीकी का प्रस्ताव
  • यू-सैक, राज्य मौसम केन्द्र एवं ऐरीज के वैज्ञानिक करेंगे तकनीकी का मूल्यांकन

देहरादून।सूबे में बादल फटने एवं वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं के रोकथाम के लिए मैग्नेटिक टेक्नोलोजीज द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रस्ताव के अध्ययन एवं तकनीक मूल्यांकन के लिए शासन ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। जो निजी कंपनी के प्रस्ताव का विस्तृत अध्ययन कर दो सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।

आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग के सचिव एस.ए. मुरूगेशन के हस्ताक्षर से जारी आदेश में उत्तराखंड अंतरिक्ष अनुप्रयोग केन्द्र के निदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति में मौसम केन्द्र देहरादून के निदेशक और ऐरीज नैनीताल के वैज्ञनिक-ई बतौर सदस्य शामिल किये गये हैं । जो राज्य में बढ़ती वनाग्नि एवं बदल फटने की घटनाओं को कम करने का दावा करने वाली कंपनी मैग्नेटिक टेक्नोलाॅजीज द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रस्तावों का अंकलन और तकनीक मूल्यांकन कर दो सप्ताह में अपनी तथ्यात्मक रिपोर्ट शासन को उपलब्ध करायेगी।

राज्य के आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील राज्य है जहां लगातार दैवीय आपदा का प्रकोप बना रहता है। दैवीय आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने तथा जान-माल की क्षति को कम करने के लिए राज्य सरकार अपने स्तर पर लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में मैग्नेटिक टेक्नोलोजीज द्वारा दिये गये वनाग्नि एवं बदल फटने की घटनाओं को कम करने संबंधी प्रस्तावों के अध्ययन के लिए समिति गठित की गई है यदि कंपनी का दावा सही पाया जाता है तो इस परियोजना को राज्य में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जायेगा। जो कि राज्य में प्रत्येक वर्ष घटित होने वाली वनाग्नि एवं बादल फटने की घटनाओं के रोकथाम के लिए वरदान साबित होगी।

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