नैनीताल। पुलिस ने उधमंसिंह नगर जिले में एक नकली सीमेंट बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड करते हुए तीन लोगों को भी गिरफ्तार किया है।पुलिस ने भारी मात्रा में कच्चा माल, अन्य सामान एवं उपकरण बरामद किये गये हैं।
रूद्रपुर में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि नकली सीमेंट को लेकर मिल रही शिकायतों के बाद पुलिस एवं एसओजी की टीम का गठन किया गया। टीम की ओर से कल गदरपुर बड़ा खेड़ा को जाने वाले रास्ते पर घसिया के पास बंद पड़ी विशाल बत्रा राइस मिल पर छापा मारा गया।
मौके पर मिले तथ्यों से पता चला कि आरोपी अल्ट्रा ट्रेक के नाम से नकली सीमेंट बनाने का कारोबार कर रहे थे। पुलिस ने मौके से राकेश पाल निवासी नारायण पुर, दोहरिया महतोष मोड़, गदरपुर, प्रेम शंकर निवासी श्मशान घाट के पास बन्नाखेड़ा, बाजपुर, मो. इस्लाम उर्फ भूरा निवासी ग्राम रसूलपुर थाना स्वार, जिला रामपुर उप्र को गिरफ्तार कर लिया।
मौके से लाखों रुपये का कच्चा माल एवं उपकरण भी बरामद किया गया है। मौके से सीमेंट की नाम कंपनी अल्ट्रा ट्रेक और एसीसी सुरक्षा पावर सीमेंट के खाली कट्टे भी बरामद हुए हैं। पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने नकली सीमेंट बनाने के लिये राख का प्रयोग करते थे और मेरठ, अलवर, राजस्थान व कानपुर से राख खरीदी गयी थी। आरोपी 350 रुपये प्रति कट्टा के हिसाब से नकली सीमेंट को बेचते थे। अभी तक आरोपी 30 लाख रुपये का माल बेच जा चुका है।
पुलिस को जांच में यह भी पता चला कि आरोपी उधमंसिंह नगर जिला के दोराहा, बाजपुर, बन्नाखेड़ा, गदपुर एवं उत्तर प्रदेश के स्वार एवं कन्नौरा में नकली सीमेंट को बेच चुके हैं। यही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना के तहत होने वाले विकास कार्यों में भी नकली सीमेंट का धडल्ले से प्रयोग होता था और आरोपी ग्राम प्रधानों को 330 रुपये के हिसाब से सीमेंट उपलब्ध कराते थे। इस मामले में पुलिस राइस मिल स्वामी विशाल बत्रा की भूमिका की जांच कर रही है।
उन्होंने बताया कि इस प्रकरण से अल्ट्रा ट्रेक कंपनी को अवगत करा दिया गया है। जिनकी टीम जांच के लिये गदरपुर पहुंच रही है। आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 व कापी अधिनियम की धारा 63 व 65 व व्यापार और पाण्य वस्तु चिन्ह अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है। आवश्यक कार्रवाई अमल में लायी जा रही है। श्री कुंवर ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में से मो. इस्लाम उर्फ भूरा के खिलाफ गौ वंश संरक्षण अधिनियम के तहत और प्रेम शंकर के खिलाफ भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 420, कापी अधिनियम व्यापार एवं पाण्य वस्तु चिन्ह अधिनियम के तहत पहले से मुकदमा दर्ज हैं।