देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेसी दिग्गज हरीश रावत ने भाजपा सरकार के कैबिनेट मीटिंग में पास किये संकल्पों पर भाजपा सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि लेम डक सरकार जिसकी वापसी की संभावना न के बराबर हो उसको संकल्पों के स्थान पर विधानसभा सत्र बुलाकर कानून बनाने की पहल करनी चाहिए थी, सरकार ने जो छ: संकल्प कैबिनेट में लिए है उनमे से अधिकतर के लिए कानून बनाकर पहल की जानी चाहिए थी जिससे आने वाली सरकार के लिए पालन करने में कानूनी बाध्यता हो जाती।
पूर्व मुख्यमंत्री के मुख्य प्रवक्ता सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि हरीश रावत ने 22 हजार खाली पदों को भरने को उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि वो अपने छ: सात माह के कार्यकाल में 22 सौ पद भी भरले तो मैं उन्हें धन्यवाद ज्ञापित करूँगा।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के पास अभी तक मात्र 2 हजार पदों के प्रस्ताव पहुँचे है जबकि सरकार 22 हजार भर्तियां करने का दावा कर रही है अधीनस्थ सेवा चयन आयोग व उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद के पास इतनी परिक्षाए कराने की क्षमता भी नहीं है कि वे 22 हजार भर्ती प्रक्रिया की परीक्षाओं को करा सके, यहाँ तक कि लोक सेवा आयोग ने तो कई परिक्षाए करा ही नही पाया व उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद में भर्तियों पर रोक लगा रखी है। उन्होंने कहा कि उपनल, अतिथि शिक्षकों, मनरेगा तथा अन्य भर्तियों में भी यदि सरकार वाकई राहत देना चाहती है तो उन्हें स्थानीय रूप से पक्का व वास्तविक काम करना चाहिए था। टाइम पास कर रही सरकार को मात्र चुनाव निकट देख इस तरह के निर्णय लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है ।