तो मिशन 2022 के लिए तीस फीसद नए चेहरों पर चलेगा दांव!

ढिकुली चिंतन शिविर में करीब दो घंटा चला विमर्श, बीएल संतोष करेंगे नड्डा से रिपोर्ट साझा

हल्द्वानी। मिशन 2022 फतह करने और सत्ता विरोधी रुझान को वेदम करने के लिए भाजपा करीब तीस फीसदी नए चेहरे मैदान में उतारने जा रही है। ढिकुली चिंतन शिविर में इस फार्मूले को लागू करने के लिए रोडमैप भी तैयार कर लिया है।
पार्टी ने इससे उपजने वाले अंसतोष को भी पाटने का सूत्र तैयार कर लिया है। यह सब सरकार, मंत्री, विधायकों के कामकाज के लिए किए गए सर्वे रिपोर्ट के आधार पर किया जा रहा है। जल्दी ही टिकट कटने वाले विधायकों को नए चेहरे के लिए राजी कर लिया जाएगा।
पार्टी उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार तमाम सर्वे रिपोर्टों में राज्य सरकार की स्थिति नाजुक नजर दिख रही है। कई विस क्षेत्रों में विधायकों के खिलाफ भारी असंतोष है। कोविड काल में तो यह असंतोष काफी बढ़ा हुआ है।
भाजपा रणनीतिकारों को लग रहा है कि यदि तीस फीसदी नए चेहरे मैदान में उतारे जाएंगे तो इससे पार्टी सरकार बचाने की स्थिति में आ सकती है या चुनावी संग्राम को नेट टू नेक की स्थिति में लाया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार अभी पार्टी सरकार बनाने तो छोड़िए नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी बचाने की भी स्थिति में नहीं है। खासकर पूर्व सीएम हरीश रावत के मुकाबले पार्टी के पास कोई भी दमदार चेहरा नहीं है। इससे भाजपा रणनीतिकार एक साथ कई फार्मूले तलाशने लगे हैं। इसमें एक फार्मूला पूर्व सीएम हरीश रावत की घेराबंदी का भी है। बहुत संभव है कि रावत से जुड़े पुराने मामलों को पार्टी धार दे सकती हैं। इसमें विधायकों की खरीद फरोख्त से जुड़ा स्टिंग भी शामिल हो सकता है। इसके लिए पार्टी रणनीतिकार नए सिरे से काम करेंगे।
राज्य स्तर के एक बड़े नेता ने स्वीकार किया कि चिंतन शिविर के तीसरे दिन मिशन 2२2 को फतह करने के लिए हर स्तर पर मंथन किया गया। इसमें अच्छा, कम अच्छा एवं बहुत बुरा काम करने वाले विधायकों के बारे में भी विमर्श हुआ है।
पता चला है कि नए चेहरे मैदान में उतारने के लिए बहुत बुरा काम करने वाले विधायकों का रिपोर्ट कार्ड आधार बनेगा। इसके लिए पार्टी आरएसएस के रणनीतिकारों से सहयोग लेगी। सूत्रों के अनुसार चिंतन शिविर में जिन विधायकों के टिकट कटेंगे, उन विस सीटों में पैदा होने वाले अंसतोष को कम करने के लिए खास तरह की रणनीति बनाई गई है।
यह भी पता चला है कि इस तरह का प्रस्ताव खुद राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने रखा और इस पर करीब दो घंटे तक विमर्श चलता रहा। इसमें पार्टी, सरकार और आरएसएस के स्रोतों से मिली जानकारी साझा की गई।
चिंतन शिविर में विधायकों की उम्र, कार्य करने की शैली का भी आकलन किया गया है। यह भी पता चला है कि बीएल संतोष अपने साथ टिकट कटने वाले विधायकों के नामों की सूची और आधार दिल्ली ले गए हैं।
सूत्रों के अनुसार बहुत जल्दी भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा इस विमर्श का निष्कर्ष निकालेंगे। चूंकि पार्टी चुनाव में जाने से पहले सेटिंग गेटिंग के फार्मूले के बजाय सत्ता विरोधी रुझान को बेअसर करने के मोर्चे पर काम करना चाहती है। इसके लिए कुछ विधायकों की बलि भी देनी पड़े तो पार्टी को किसी भी तरह का दुख नहीं होगा।
1 Comment
  1. Shivangi Singh says

    Tees feesdi naye chehron ko chunaavi maidaan me utarna kargar sabit ho sakta hai.

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