नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के लिए विकास योजना की समीक्षा की। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने एक प्रस्तुति दी, जिसमें अयोध्या के विकास के कई पहलुओं को शामिल किया गया। बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। अयोध्या के विकास की परिकल्पना एक आध्यात्मिक केंद्र, वैश्विक पर्यटन केंद्र और एक स्थायी स्मार्ट सिटी के रूप में की जा रही है।
विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर भी चर्चा
प्रधानमंत्री को अयोध्या के साथ कनेक्टिविटी में सुधार के लिए विभिन्न आगामी और प्रस्तावित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के बारे में बताया गया। हवाईअड्डे, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, सड़कों और राजमार्गों के विस्तार जैसी विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर भी चर्चा की गई। एक आगामी ग्रीनफील्ड टाउनशिप पर भी चर्चा की गई, जिसमें भक्तों के लिए ठहरने की सुविधा, आश्रमों के लिए जगह, मठ, होटल, विभिन्न राज्यों के भवन शामिल हैं। एक पर्यटक सुविधा केंद्र और एक विश्वस्तरीय संग्रहालय भी बनाया जाएगा।
सरयू नदी के घाटों के आसपास विकास पर विशेष ध्यान
सरयू नदी और उनके घाटों के आसपास बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सरयू नदी पर क्रूज संचालन को भी नियमित फीचर बनाया जाएगा।साइकिल चालकों और पैदल लोगों के लिए पर्याप्त स्थान के साथ स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए शहर का विकास किया जाएगा। स्मार्ट सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल कर आधुनिक तरीके से ट्रैफिक मैनेजमेंट भी किया जाएगा।प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या को एक ऐसा शहर बताया जो हर भारतीय की सांस्कृतिक चेतना में अंकित है।
अयोध्या आध्यात्मिक और उदात्त दोनों है : प्रधानमंत्री
अयोध्या को हमारी सर्वोत्तम परंपराओं और हमारे सर्वोत्तम विकासात्मक परिवर्तनों को प्रकट करना चाहिए।प्रधानमंत्री ने कहा, अयोध्या आध्यात्मिक और उदात्त दोनों है। इस शहर के मानवीय लोकाचार को भविष्य के बुनियादी ढांचे से मेल खाना चाहिए, जो पर्यटकों और तीर्थयात्रियों सहित सभी के लिए फायदेमंद है।उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को अपने जीवन में कम से कम एक बार अयोध्या जाने की इच्छा महसूस करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि निकट भविष्य में अयोध्या में विकास कार्य जारी रहेंगे।