हल्द्वानी । बहुचर्चित दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपित बैंक शाखा प्रबंधक की जमानत व जिला समाज कल्याण अधिकारी की अग्रिम जमानत अर्जी को प्रभारी विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण-अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-प्रथम की अदालत ने खारिज कर दिया है।
मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से जमानत अर्जी का विरोध करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने अदालत को बताया कि आरोपित हरिप्रकाश अग्रवाल पुत्र स्वर्गीय निरंजन लाल अग्रवाल निवासी 12 शांति विहार कालोनी मेरठ रोड हापुड$, जिला कोऑपरेटिव बैंक की हापुड$ शाखा का प्रबंधक था।
उसके द्वारा पहले छात्रों की उपस्थिति एवं उनके हस्ताक्षरों का मिलान किए बिना विवादित मोनाड यूनिवर्सिटी के कवरिंग पत्र पर 28 छात्रों के खाते अपने बैंक में खोले और फिर जिला समाज कल्याण नैनीताल से आए 78 हजार रुपए के चेकों को मिलीभगत कर फर्जी हस्ताक्षरों से मोनाड यूनिवर्सिटी के खातों में हस्तांतरित कर दिया। इस प्रकार उसे भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 420, 466, 467, 468, 471 व 12 0बी के तहत मुकदमा पंजीकृत कर गिरफ्तार किया गया है। इस दलील पर अदालत ने आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
इधर प्रभारी विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण-अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने इसी घोटाले की जांच में प्रकाश में आए एक वांछित आरोपित, तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर की गिरफ्तारी से बचने के लिए लगाई गई अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया हैं।
अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने अदालत को बताया कि आरोपित के विरुद्ध काशीपुर, बाजपुर, कुंडा, खटीमा, केलाखेड़ा, जसपुर आदि में कई मामलों में आरोप पाये जाने के बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 420, 466, 467, 468, 471 व 120 बी के तहत मुकदमा पंजीकृत किए गए हैं।