अलग-अलग क्षेत्रों की जरूरतों के हिसाब से आर्थिक उपाय तय किए :मोदी
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के प्रभाव से उबरने के लिए सरकार ने अलग-अलग क्षेत्रों की जरूरतों के हिसाब से आर्थिक उपाय तय किए। उन्होंने कहा कि आर्थिक प्रोत्साहन के मामले में ह्यसभी के लिए एक जैसा पैमाना नहीं अपनाया जा सकता। मोदी ने कहा कि केंद्र-राज्य भागीदारी में पूरे विश्वास के साथ और प्रोत्साहन के जरिये हमने इन सुधारों को आगे बढ़ाया है।
मोदी खुद एक ट्वीट में इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, दृढ़ विश्वास और प्रोत्साहनों के जरिए सुधार- कोविड-19 के काल में केन्द्र – राज्य भागीदारी की भावना से संचालित रचनात्मक नीति -निर्माण के बारे में मेरी ल्ािंक्डिन पर पोस्ट। प्रधानमंत्री ने पोस्ट में लिखा है कि केन्द्र और राज्यों ने सहकारी संघवाद का बेहतर उदाहरण पेश करते हुए रचनात्मक भागीदारी निभाते हुए कोरोना संकट से उत्पन्न चुनौतियों का सामना किया।
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत राज्यों को अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति दी गयी और राज्यों ने इसका फायदा उठाते हुए एक लाख करोड़ रूपये से अधिक का उधार लिया और जिससे संसाधनों मे अपेक्षाकृत बढोतरी हुई। उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी दुनिया भर के लिए नयी चुनौती लेकर आयी और भारत भी कोई अपवाद नहीं था। उन्होंने कहा कि इस दौरान संसाधन जुटाना सबसे बड़ी चुनौती थी लेकिन देश में केन्द्र और राज्यों की भागीदारी से इस चुनौती का सामना किया गया।
कोरोना के खिलाफ अभियान में चार प्रमुख सुधारों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ये गरीब , पिछडे और मध्यम वर्ग के जीवन में सुधार पर आधारित थे साथ ही इनसे राजकोषीय स्थिरता को भी मजबूती मिली। पहले सुधार एक देश एक राशन कार्ड से प्रवासियों को बहुत फायदा हुआ और उन्हें कहीं से भी राशन लेने की सुविधा मिली। दूसरे सुधार के तहत व्यापार सुगमता को बढाया गया, तीसरे सुधार के तहत संपत्ति कर और जल तथा सीवर प्रभार से संबंधित दरों को अधिसूचित किया गया ।
इसके तहत शहरी क्षेत्रों में संपत्ति लेन देन और स्टांप शुल्क दिशा निर्देशों को अधिसूचित करने का प्रावधान किया गया। चौथे सुधार में किसानों को मुफ्त बिजली आपूर्ति के प्रत्यक्ष लाभ स्थानांतरण योजना में शामिल किया जाना था। इन सभी सुधारों के अच्छे परिणाम मिले और इसमें कई राज्यों ने अच्छा काम किया।