देहरादून। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चारधाम यात्रा को लेकर दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई की। न्यायालय ने चारधाम मामले में कहा कि सरकार यदि यात्रा शुरू करती है तो नीतिगत निर्णय ले और मेडिकल इंतजाम करे। न्यायालय ने चारधाम यात्रा को लेकर सरकार से ठोस निर्णय लेकर 22 जून तक अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान की अगुवाई वाली पीठ में कोरोना महामारी को लेकर दायर जनहित याचिकाओं के परिपेक्ष्य में आज चारधाम यात्रा के संदर्भ में सुनवाई के दौरान यह बात कही। राज्य के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर वर्चुअली अदालल में पेश हुए।
उन्होंने अदालत को बताया कि चारधाम यात्रा अभी विचाराधीन है और 22 जून तक लॉकडाउन के कारण यात्रा के संचालन को लेकर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। इसके बाद निर्णय नहीं लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी चरणबद्ध ढंग से चारधाम यात्रा का आयोजन किया गया था।
न्यायालय ने महाकुंभ की तरह चारधाम यात्रा को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि देश दूसरी लहर से अभी उबरा नहीं है और कोरोना की तीसरी लहर को लेकर कयास लगाये जा रहे हैं। न्यू डेल्टा म्यूटेशन के छह मरीज चिन्हित किये गये हैं। ऐसे में सरकार को सभी पहलुओं पर विचार कर निर्णय लेना चाहिए।