नयी दिल्ली। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह की उस याचिका पर विचार करने से उच्चतम न्यायालय ने इनकार कर दिया। सिंह अपने खिलाफ सभी मामलों को सीबीआई अथवा किसी अन्य राज्य को स्थानांतरित करने की मांग की थी।
अदालत ने कहा, आपकोे अपने बलों पर संदेह नहीं होना चाहिए। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की अवकाशकालीन पीठ ने परम बीर की याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे चौंकाने वाला वाकिया बताया कि महाराष्ट्र पुलिस बल में 30 साल से अधिक समय तक सेवा करने वाला व्यक्ति अब कह रहा है कि उसे राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं है।
पीठ ने कहा, जिनके घर शीशे के हो वो दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं फेंकते हैं।’ पीठ ने कहा कि इस याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है। पूर्व पुलिस आयुक्त ने महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के बारे में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और इसके बाद उन्होंने कहा था कि ऐसा खुलासा करने के बाद से ही राज्य पुलिस बल उनके पीछे पड़ गया है।