रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर मांग की है कि राज्य में 18 से 44 आयुवर्ग के लोगों के लिए वैक्सीन फ्री में उपलब्ध करवाई जाए। इस पत्र में मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा है कि राज्य की हालत ठीक नहीं है. ऐसे में, वह सीमित संसाधनों के चलते वैक्सीनेशन पर करीब 1100 करोड़ रुपये का खर्च उठाने में समर्थ नहीं है।
सोरेन ने आने वाले दिनों में राज्य पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम करने के लिए केंद्र से मदद मांगी है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है राज्य के 18 से 44 आयु वर्ग के लिए लगभग एक करोड़ 57 लाख लोगों के लिए कोविड-19 के फ्री टीकों का इंतजाम कराया जाए।
सोरेन ने अपने पत्र में यह भी दोहराया कि राज्य में कोरोना के खिलाफ चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान में कम टीकों की आपूर्ति सबसे बड़ी चुनौती बन गई है, जिसे दूर किया जाना आवश्यक है।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में सोरेन ने बताया कि इतने लोगों के वैक्सीनेशन के लिए राज्य पर 1100 करोड़ रुपये सो्यादा का बोझ पड़ेगा, यही नहीं, आने वाले समय में 12-18 आयु वर्ग में वैक्सीनेशन शुरू होगा। तो और 1000 करोड़ का खर्च होगा, जिसे वहन कर पाना झारखंड के लिए बेहद मुश्किल होगा । क्योंकि कोरोना काल में राज्य के वित्तीय संसाधन पहले ही बोझ सह रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है चूंकि वैक्सीनेशन ही महामारी निंयत्रण का उपाय है ,इसलिएारूरत के मुताबिक राज्य को वैक्सीन सप्लाई को प्राथमिकता दी जाना चाहिए। श्री सोरेन ने इस बात को भी इंगित किया, आज भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि टीकाकरण के लिए राज्यों पर वित्तीय जिम्मेदारी डाली गई। यह संघीय व्यवस्था के सिद्धांत के खिलाफ है।
उन्होंने यह भी लिखा कि सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए केंद्र को मुफ्त वैक्सीन देना चाहिए। फिलहाल, राज्य को जिस तरह से कम वैक्सीन दी गई, उसके चलते वैक्सीनेशन अपेक्षा के अनुसार नहीं हो सका। अब तीसरी लहर पर कोरोना पर काबू करने के लिए वैक्सीन मिलना ही चाहिए।