नई दिल्ली । मन की बात कार्यक्रम के 77 वे संस्करण के दौरान राष्ट्रीय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, देश पूरी ताकत के साथ #COVID19 से लड़ रहा है, पिछले 100 वर्षों में ये सबसे बड़ी महामारी है। इसी महामारी के बीच भारत ने अनेक प्राकृतिक आपदाओं का भी डटकर मुकाबला किया है। इस दौरान चक्रवात अम्फान, निसर्ग, अनेक राज्यों में बाढ़ आई, अनेक भूकंप आए, भूस्खलन हुए। मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने करीबियों को खोया है। हम सभी इस मुश्किल घड़ी में उन लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं जिन्होंने इस आपदा का नुकसान झेला है।
प्रधानमंत्री ने कहा ,देश ने पिछले 10 दिन में दो बड़े चक्रवात ताऊते और यास का सामना किया। इन दोनों चक्रवातों ने कई राज्यों को प्रभावित किया है। देश और देश की जनता इनसे पूरी ताकत से लड़ी और कम से कम जनहानि सुनिश्चित की। चुनौती के इस समय में ऑक्सीजन के परिवहन को आसान करने के लिए भारतीय रेल आगे आई। ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने सड़क पर चलने वाले ऑक्सीजन टैंकर से कहीं ज़्यादा तेज़ी से, कहीं ज़्यादा मात्रा में ऑक्सीजन देश के कोने-कोने में पहुंचाय।
पीएम मोदी ने कहा ,कोरोना की शुरुआत में देश में केवल एक ही टेस्टिंग लैब थी लेकिन आज 2,500 से ज़्यादा लैब काम कर रही हैं। शुरू में कुछ सौ टेस्ट एक दिन में हो पाते थे, अब 20 लाख से ज़्यादा टेस्ट एक दिन में होने लगे हैं। अब तक देश में 33 करोड़ से ज़्यादा सैंपल की जांच की जा चुकी है।
हमारे देश पर इतना बड़ा संकट आया, इसका असर देश की हर व्यवस्था पर पड़ा। कृषि व्यवस्था ने खुद को इस हमले से काफी हद तक सुरक्षित रखा। सुरक्षित ही नहीं रखा, बल्कि प्रगति भी की। इस महामारी में भी हमारे किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन किया है और देश ने रिकॉर्ड फसल की खरीद भी की।
भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर समझौता नहीं करता :PM
जब हम देखते हैं कि अब भारत अपने खिलाफ साजिश करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देता है तो हमारा आत्मविश्वास और बढ़ता है। जब भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर समझौता नहीं करता, जब हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ती है तो हमें लगता है कि हां, हम सही रास्ते पर हैं।आज 30 मई को हम मन की बात कर रहे हैं और संयोग से ये सरकार के 7 साल पूरे होने का भी समय है। इन वर्षों में देश सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र पर चला है। देश की सेवा में हम सभी ने हर क्षण समर्पित भाव से काम किया।