उत्तराखण्डः अब प्रवासियों को गांव में रहना होगा सात दिन क्वारेंटीन

सख्ती से आदेश का पालन करने का निर्देश

देहरादून । उत्तराखण्ड में बाहरी राज्यों से  अपने पैतृक गांव वापस आ रहे प्रवासियों द्वारा कोविड 19 के संक्रमण के रोकथाम के लिए पिछले वर्ष की तरह ही इस बार भी ग्राम पंचायत / ग्राम प्रधान की निगरानी में गांव में स्थापित विलेज क्वारेंटाइन में अनिवार्य रूप से सात दिन तक आइसोलेट रखे जाने का आज शासन ने आदेश पारित कर दिया है।

सचिव हरि चंद्र सेमवाल की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि आइसोलेशन अवधि पूर्ण होने के उपरान्त कोविड़ -19 के लक्षण परिलक्षित न होने पर प्रवासी अपने घर में जा सकेंगे।

गांव में विलेज क्वारेंटाइन सुविधा के संचालन पर (पेयजल) व्यवस्था, साफ-सफाई, विद्युत व्यवस्था बिस्तर आदि) आने वाले व्यय का भुगतान ग्राम पंचायत को राज्य वित्त से प्राप्त निधि से वहन किया जायेगा तथा इसके अतिरिक्त आवश्यकता होने पर जिलाधिकारी द्वारा राज्य आपदा मोचन निधि से ग्राम पंचायत को प्रदान किया जाएगा।

जारी आदेश में समस्त जिला पंचायत राज अधिकारियों को शासनादेश का अनुपालन करने तथा क्वारंटीन सेन्टर पर क्वारेंटाइन किये गये प्रवासियों की सूचना देने के लिए कहा गया है।
जिला पंचायत राज अधिकारियों से कहा गया है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्रामीण क्वारटीन केन्द्र की स्थापना व नियंत्रण समिति का क्रियाशील कराने हेतु अपने स्तर से सम्बन्धितों को निर्देशित करे ताकि आगन्तुक प्रवासियों को सात दिन तक आइसोलेट करने की व्यवस्था ग्राम पंचायत स्तर पर सुनिश्चित हो।

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