नई दिल्ली : कोरोना की दूसरी लहर ने देश की राजधानी दिल्ली में हाहाकार मचा दिया है और अब दिल्ली की जेलें भी इससे अछूती नहीं रह गई हैं। जेलों में भी कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हाल ही में दिल्ली की जेलों में कम से कम 227 कैदियों और 60 स्टाफ सदस्यों को कोरोना से संक्रमित पाया गया है।
यहां तक कि छोटा राजन, शहाबुद्दीन और उमर खालिद जैसे कैदी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिन्हें अन्य कैदियों की तुलना में ज्यादा सुरक्षा के बीच रखा जाता है। सूत्रों का ये भी कहना है कि अगर ज्यादा भीड़भाड़ वाली जेलों में जांच की जाती है तो संक्रमित कैदियों की ये संख्या और भी ज्यादा निकल सकती है।
दरअसल, जेलों में कैदियों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि होती जा रही है, जिससे जेलों के अंदर का हाल बुरा होता जा रहा है। पहली बार दिल्ली की तीनों जेलों (रोहिणी, मंडोली और तिहाड़) में कैदियों की संख्या 20,663 तक पहुंच गई है, जबकि क्षमता 10 हजार 26 कैदियों को ही रखने की है। कई जेलों में तो कैदियों की संख्या क्षमता से चार गुना से भी ज्यादा हो गई है।इस साल, मध्य मार्च और मध्य अप्रैल के बीच, लगभग 70 कैदियों और 11 स्टाफ सदस्यों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी।
जेल के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि तिहाड़ जेल में अब तक 190 कैदी संक्रमित हो चुके हैं और जेल कर्मचारियों का आंकड़ा 304 तक जा पहुंचा था। अप्रैल के मध्य से मामले तेजी से बढ़े। जेल प्रशासन का कहना है कि कोरोना से निपटने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं और जल्द ही इस पर काबू पा लिया जाएगा। लेकिन जिस तरह से कैदियों की संख्या बढ़ती जा रही है, उसे देखते हुए जेलों के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग जैसी व्यवस्था के बारे में सोचना कठिन ही है।