कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते प्रकोप के बीच विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार और मतदान के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं किए जाने का सारा ठीकरा कलकत्ता हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग पर फोड़ा। साथ ही कार्यप्रणाली को लेकर गहरी नाराजगी भी जाहिर की है।
गुरुवार को सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए हाईकोर्ट ने कटाक्ष करते हुए कहा कि चुनाव आयोग केवल सर्कुलर (विज्ञप्ति व आदेश) जारी कर अपनी भूमिका से पल्ला नहीं झाड़ सकता है।मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एक पीआईएल पर सुनवाई करते हुए सभी जिला मजिस्ट्रेटों को चुनाव आयोग और सीईओ द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का कड़ाई से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का आदेश दिया।मुख्य न्यायाधीश ने कोविड-19 महामारी के बीच राजनीतिक दलों द्वारा चुनावी प्रचार को लेकर असंतोष जताया।
उन्होंने चुनाव आयोग से कहा कि आपके पास पुलिस से लेकर ऑफिसर्स तक सबकुछ है। असीम अधिकार व क्षमता है, लेकिन वास्तविक अर्थों में इनका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। उन्होंने यहां तक कहा कि पूर्व चुनाव आयुक्त टीएन टेशन के समय की तुलना में एक में से 10 भाग अधिकार का इस्तेमाल हो रहा है, इसमें संदेह है। उन्होंने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि चुनाव आयोग के पास क्विक रिस्पांस टीम है।
केवल सर्कुलर देकर चुनाव आयोग अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकता है। बता दें कि चुनाव आयोग ने कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा चुनाव प्रक्रिया के दौरान कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल पर किए गए कार्यों और कदमों पर अपनी प्रतिक्रिया मांगने के बाद 16 अप्रैल को एक सर्वदलीय बैठक का आह्वान किया था।
पिछले हफ्ते, चुनाव प्रचार और कोविड प्रोटोकॉल के संबंध में हाईकोर्ट में दो पीआईएल दायर की गई थी। इसी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की। दूसरी ओर, चुनाव आयोग ने एक बयान जारी कर कहा है कि यदि कोरोना प्रोटाकॉल का पालन नहीं किया गया है, तो आपदा प्रबंधन कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।