पर्वतीय क्षेत्र में स्कूलों के परिचालन पर संकट के बादल

  • नया शिक्षा सत्र शुरू, कोरोना से बढ़ता जा रहा है संकट 
  • कुछ स्थानों को छोड़ शेष प्रदेश में खुल गये हैं स्कूल 
  • बढ़ते प्रकरणों से विभाग भी सकते में, एक दो दिन में होगी स्थिति साफ 
देहरादूनः  सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में स्कूल खोलने की जो व्यवस्था बनायी है, उस पर कोरोना के चलते
संकट गहराने लगा है। कुछ चुनिंदा स्थानों को छोडक़र शेष प्रदेश में स्कूल खोले गये हैं, लेकिन बुधवार को
सीबीएसई के द्वारा हाईस्कूल की परीक्षा रद्द करने व इंटर की स्थगित करने के निर्णय के बाद शिक्षा विभाग
भी सकते में है।
आज से सरकार के निर्णय के अनुसार नया शिक्षा सत्र भी शुरू हो गया है। इसके तहत प्रदेश भर के स्कूल
खोले जाने थे, लेकिन कोरोना के चलते सरकार ने इसमें अलग-अलग फैसला लिया है। वर्तमान में चकराता
व कालसी को छोडक़र देहरादून जनपद में कक्षा 6,7,8, 9 व 11 की कक्षाऔं का संचालन नहीं हो रहा है। यह व्यवस्था पूरे हरिद्वार जनपद तथा नैनीताल व हल्द्वानी नगर निगम के क्षेत्र में भी लागू की गयी है। इसके
अतिरिक्त प्रदेश के सभी इलाकों में इन कक्षाऔ की पढ़ाई आज से शुरू हो गयी है। इस बीच लगातार
कोरोना के मामले भी बढ़ रहे है। गुरुवार को उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों का नया रिकार्ड बन गया।
बीते 24 घंटे में 2222 नए संक्रमित मरीज आए हैं। इसके चलतेे सक्रिय मरीजों की संख्या 12 हजार पार कर
गई। देहरादून और हरिद्वार में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं।
देहरादून में सबसे अधिक 914, हरिद्वार जिले में 613, नैनीताल में 156, ऊधमसिंह नगर में 131 , पौड़ी में 105,
टिहरी में 79, रुद्रप्रयाग में 49,  पिथौरागढ़ में 29, उत्तरकाशी में 23 , अल्मोड़ में 54, चमोली में 25, बागेश्वर में
15 और चंपावत में 26 संक्रमित मरीज मिले। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कंटेंमेंट जोन की संख्या
भी 67 पहुंच गई है। प्रदेश में आज से नया शिक्षा सत्र शुरू हुआ है, लेकिन कोरोना ने सत्र शुरू होते ही संकट
के संकेत भी दे दिये हैं।

Leave a Reply