पहाड़ की पगडंडी बन रही टीकाकरण में बाधक,सीबीसी केंद्रों में नहीं लग पा रहा एक भी टीका

अल्मोड़ा। जिले में कोविड-19 टीकाकरण अभियान उस गति से आगे नहीं बढ़ पा रहा है, जिसकी उम्मीद की जा रही थी। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में 20 से 25 किमी दूरी पर बने कोविड वैक्सीनेशन केंद्र (सीबीसी) तक पहुंचने में बुजुर्ग असमर्थता जता रहे हैं। इससे वैक्सीनेशन की गति जिले में उम्मीद के मुताबिक परवान नहीं चढ़े पा रही है। टीकाकरण लक्ष्य के सापेक्ष केवल कस्बाईं सीबीसी तक सिमट कर रह गया है। जमीनीं हकीकत से उलट सरकारी आंकड़े जिले में टीकाकरण की औसत प्रगति की ओर संकेत कर रहे हैं। इसके पीछे टीके को लेकर लोगों में भारी उत्साह तो है मगर पहाड़ की पगडंडी बाधक बन गई है।

वैक्सीनेशन: पहाड़ों में पूरी तरह से हवाई साबित

केंद्र सरकार की ओर से कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर जारी की गई गाइड लाइन में दिए गए मानक पहाड़ों में पूरी तरह से हवाई साबित हो रहे है। न ही टीकाकरण केंद्रों की दूरी के मानक पूरे हो पा रहे हैं और न ही केंद्रों में मानक के अनुरूप तमाम जगहों पर रजिस्ट्रेशन रूम, वैक्सीनेशन रूम और न ही रीहबिलिटेशन रूम की व्यवस्था ही पूरी होती नजर आ रही है।

स्वास्थ्य विभाग आवश्यकतानुरूप उपलब्ध संसाधनों के प्रयोग का दावा जरूर कर रहा है। दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में एक सीबीसी पर 20 से 25 गांवों के टीकाकरण की जिम्मा सौंपा गया है। टीकाकरण केंद्र तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों को जिले में 20 से 25 किमी की दूरी तय करनी पड$ रही है। जिस कारण दूरस्थ टीकाकरण केंद्रों में तमाम जगहों पर दिन में एक भी व्यक्ति को टीका नहीं लग पा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में अभी तक कुल पंजीकृत 63 हजार 843 हेल्थ केयर वर्कर्स में से पहली डोज 5 हजार 751 को और दूसरी डोज 4 हजार 464 को लग चुकी है। 45 की आयु से ऊ पर पंजीकृत कुल 48 हजार 49 में से पहली डोज 46 हजार 264 और दूसरी डोज मात्र दो हजार को लग ही सकी है। फ्रंट लाइन वर्कर (एफएलडब्ल्यू) में कुल 35 सौ पंजीकृत हैं, इसमें से 3 हजार 368 को पहली व 2294 को दूसरी डोज दी जा चुकी है।

ग्राम प्रधानों ने दूरस्थ क्षेत्रों में शिविर लगाकर टीकाकरण की उठाई मांग

ग्राम प्रधान अण्डोली व धौलादेवी प्रधान संगठन के सचिव तारा दत्त पाण्डेय एवं तल्ला गैराड़ रेनू गैड़ा का कहना है कि वैश्विक महामारी कोरोना के समय आज जहां सरकार की ओर से जोर शोर से टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें कई ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों से 20 से 25 किलोमीटर दूरी होने एवं आवागमन के पर्याप्त साधन न हो पाने के कारण बुजुर्गं इतनी दूरी तय करने में असमर्थ हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता न हो पाने के कारण भी टीकाकरण संभव नहीं हो पा रहा है।

वैक्सीनेशन केंद्रों में काफी भीड़ होने के कारण अधिकांश ग्रामीण बिना टीका लगाए ही बैरंग घरों को लौट रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाकर टीकाकरण करवाना चाहिए, जिससे ग्रामीणों को भी टीकाकरण का लाभ प्राप्त हो सके। सरकार को इस दिशा में शीघ्र कदम उठाना चाहिए जिससे कोरोना महामारी की रोकथाम हो सके। वहीं, धौलादेवी के मटकन्या प्रधान प्रियंका आर्या का कहना है कि हमारे गांव से सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों की दूरी लगभग 20 किमी है। चिह्नित किए जाने के बाद भी लंबी दूरी एवं आर्थिक तंगी के कारण बड़ी संख्या में ग्रामीण व बुजुर्गं टीकाकरण को नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिस कारण टीकाकरण में काफी समस्या का सामना करना पड$ रहा है। सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाकर टीकाकरण का कार्य शुरू करवाना चाहिए।

 जिले में बने कोविड-19 वैक्सीनेशन के 45 सीबीसी

जिले में एक अप्रैल से 45 वर्ष से ऊ पर आयु के नागरिकों को कोविड-19 वैक्सीनेशन किया जा रहा है। वैक्सीनेशन के लिए फेज स्तर पर मुख्य चिकित्सालय समेत पीएचसी एवं सीएचसी केंंद्रों को सीबीसी बनाया गया है। इसमें बेस चिकित्सालय, जिला चिकित्सालय, डीनापानी, हवालबाग, पेटशाल, द्वाराहाट, भतरौंजखान, विनायक, स्यालकोट, भिकियासैंण, नौघर, बासुलीसेरा, पिलखोली, ताड़ीखेत, स्याल्दे, देघाट, सेराघाट, बाड़ेछीना, बिंता, द्वाराहाट, सोमेश्वर, मनान, चनौदा, लोध, ताकुला, जैंती, शहरफाटक, जसकोट, मिरोली, देवथल, लमगड़ा, धामदेवाल, रामपुर, चौखुटिया, धौलादेवी, मानिला, भौंनखाल, मछोड, सल्ट, गोदी, मासी, पनुवानौला, दन्या, ध्याड़ी को बनाया गया है।

वैक्सीन की मात्रा के अनुसार कोविड वैक्सीनेशन की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है। प्रत्येक सीबीसी में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों एवं आशा हेल्थ वर्कर्स की मदद रेगुलर वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही आवश्यकतानुरूप वैक्सीन भेजी जा रही है। वैक्सीन की सील खुल जाने के बाद उसे खराब होने से भी बचाया जा सके। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि जल्द ही वैक्सीन की आपूर्ति के सापेक्ष टीकाकरण अभियान तेज रफ्तार पकड़ेगा।
सीएमओ अल्मोड़ा सविता ह्यांकी।

वर्तमान में जिले में 45 सीबीसी एक्टिवेट है। दस अतिरिक्त सीबीसी बनाए गए हैं, उपचुनाव के बाद जल्द ही कर्मचारी उपलब्धता के बाद इनका संचालन भी कर दिया जाएगा। प्रत्येक सीबीसी में पांच सदस्यीय दल तैनात किया गया है। इसमें एक चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट, एक डाटा इंट्री ऑपरेटर, एक एएनएम और आशा वर्कर्स शामिल है।
डा. आरसी पुरोहित, अपर मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी अल्मोड़ा

 

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