उत्तर प्रदेश में तेजी से पांव पसार रहे कोरोना संक्रमण के प्रति एहतियात बरतने की अपील करते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(Chief Minister Yogi Adityanath) ने संकेत दिया कि सर्वाधिक प्रभावित 13 जिलों में रात्रि कर्फ्यू पर विचार किया जा सकता है। श्री योगी ने वीडियो कॉन्फ्रेंंसिंग के जरिये समीक्षा करते हुए कहा कि लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर नगर, गोरखपुर, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर, झांसी, बरेली, गाजियाबाद, आगरा, सहारनपुर और मुरादाबाद जिले में कोविड संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। यहां केस की संख्या अधिक है। हालांकि पॉजिटिविटी दर में गिरावट हुई है।
उन्होने कहा कि इन जिलों में मास्क न लगाने वाले लोगों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए और हालात की निगरानी के लिए तत्काल विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों की तैनाती की जाये। जिन जिलों में प्रतिदिन 100 से अधिक केस मिल रहे हैं, अथवा जहां कुल एक्टिव केस की संख्या 500 से अधिक है, वहां माध्यमिक विद्यालयों में अवकाश के संबंध में जिलाधिकारी स्थानीय स्थिति के अनुरूप निर्णय लें। ऐसे जिलों में रात्रि में आवागमन नियंत्रित रखने के संबंध में भी समुचित निर्णय लिया जाए, लेकिन किसी भी परिस्थिति में आवश्यक सामग्री जैसे दवा, खाद्यान्न आदि के आवागमन को बाधित न किया जाए।
स्वास्थ्य मंत्री तथा अधिकारी करेगें थ जिलों का दौरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री अधिकारियों के साथ जिलों का दौरा करें। स्थिति को देखें और व्यवस्था सुधार के लिए आवश्यक निर्देश दें। वह खुद भी अगले कुछ दिनों में प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर जिलों का औचक निरीक्षण करेंगे। सभी जिलों में पीपीई किट, पल्स आक्सीमीटर, इंफ्रारेड थरमामीटर, सैनिटाइजर, एंटीजन किट सहित सभी आवश्यक लॉजिस्टिक की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।
उन्होने कहा कि आपदाकाल में हमें एकजुट होकर काम करना होगा। सभी सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थानों के एम्बुलेंसों को कोविड मरीजों के उपयोग में लाया जाए। इन एम्बुलेंसों को इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से जोड़ा जाए।मरीजों को तत्काल रिस्पॉन्स मिलना चाहिए। श्री योगी ने कहा कि जिन जिलों में जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी स्तर के अधिकारी संक्रमित हैं, वहां संबंधित विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष की भूमिका बढ़ाई जाए। सीएमओ की अनुपस्थिति हो तो एडी हेल्थ स्तर के अधिकारी सेवाएं दें। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सैनिटाइजेशन, स्वच्छता आदि का विशेष महत्व है। उन्होने कहा कि रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट तथा बस अड्डे पर रैपिड एन्टीजन टेस्ट की व्यवस्था को और प्रभावी किया जाए। अगले कुछ दिनों में महाराष्ट्र आदि प्रदेशों से विशेष ट्रेन भी संचालित होगी।
गोरखपुर, गोंडा, बस्ती व आसपास के क्षेत्रों में खास सतर्कता
ऐसे में गोरखपुर, गोंडा, बस्ती व आसपास के क्षेत्रों में खास सतर्कता बरते जाने की जरूरत है। महाराष्ट्र के साथ-साथ दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में कोविड संक्रमण की स्थिति तेजी से खराब हो रही है। ऐसी स्थिति में वहां निवासरत उत्तर प्रदेश के नागरिकों की वापसी संभावित है। पँचायत चुनाव की प्रक्रिया भी चल रही है। आने वाले दिन चुनौतीपूर्ण होंगे। पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश के सभी जिलों ने कोविड प्रबंधन का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया था, इस बार भी हम टीम वर्क से इस लड़ाई को जरूर जीतेंगे।